अनूपपुर जबलपुर इंदौर भोपाल मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी बैकुंठपुर रायपुर

भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए जितेंद्र पांडे कैसे बनाए गए रामपुर बटूरा में रोड सेल प्रभारी जमुना कोतमा जीएम कार्यालय में आज भी है आरोप पत्र

WhatsApp Group Join Now

भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए जितेंद्र पांडे कैसे बनाए गए रामपुर बटूरा में रोड सेल प्रभारी

जमुना कोतमा जीएम कार्यालय में आज भी है आरोप पत्र


अनूपपुर शहडोल संभाग में एसईसीएल के द्वारा संचालित कोयले की 16 से ज्यादा कोयले की खदानों में रोड सेल के नाम पर अगर सबसे ज्यादा कहीं लूट मची हुई है या अगर यह कहा जाए की रोड सेल के नाम पर की जा रही अवैध वसूली में नंबर वन कोई कोयले की खदान है तो वह रामपुर बटूरा है और इस अवैध वसूली लूट को जो संचालित कर रहा उसका नाम टेक्निकल इंस्पेक्टर रोड सेल प्रभारी जितेंद्र पांडे यह वही जितेंद्र पांडे हैं जो इसके पहले जमुना कोतमा क्षेत्र की खुली खदानआमाडाड में सह प्रभारी रोड सेल थे जहां पर उनके ऊपर कोयले की हेरा फेरी का आरोप लगाया गया था और इस संबंध में जीएम कार्यालय जमुना कोतमा क्षेत्र निम्नलिखित आरोप पत्र दाखिल करते हुए इनका यहां से रायगढ़ के लिए स्थानांतरण कर दिया था लेकिन ऊंची पहुंच का दावा करने वाले जितेंद्र पांडे ने एसईसीएल के अधिकारियों की भेंट पूजा करके रामपुर बटूरा में रोड सेल प्रभारी बनकर दोबारा लौट आए और यहां आकर वही खेल इन्होंने खेलना शुरू कर दिया जिसे आप इनके ऊपर लग चुका था एसईसीएल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपी जितेंद्र पांडे को एसईसीएल की सबसे महत्वपूर्ण और कमाई के मामले में नंबर वन खदान का रोड सेल प्रभारी कैसे बना दिया गया यह जांच का विषय है सूत्रों का यह भी दावा है कि एसईसीएल के नियम कानून के तहत इन्हें रोड सेल मे एसईसीएल के किसी भी खदान में नहीं रखा जा सकता लेकिन यहां तो प्रभारी बनाकर अधिकारियों ने जैसे इनको खुली लूट की छूट दे रखी है

सोहागपुर क्षेत्र की कोयला खुली खदान रामपुर बटूरा के रोड सेल प्रभारी जिनकी अवैध वसूली इस समय चर्चा में है उससे ज्यादा अब इस बात की चर्चा है कि रोड सेल में ही सह इंचार्ज आमाडाड रहते हुए उनके ऊपर कई तरह के भ्रष्टाचार का आरोप लगा था और बाद में इनको यहां से रायगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन फिर अधिकारियों की चढ़ोत्तरी और जुगाड़ से वह रामपुर बटुरा रोड सेल प्रभारी बन गए जो की अव्वैधानिक है और इसके पीछे एसईसीएल के अधिकारियों की भ्रष्ट तंत्र जिम्मेदार है जिसकी जांच होनी चाहिए

खदान से कोयले की अवैध निकासी की भी आशंका

वही एसईसीएल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पहले से ही कोयले के गोलमोल करने के आरोपी जितेंद्र पांडे के ऊपर कई बार खदान के अंदर से कोयले की अवैध निकासी की भी आसका एसईसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन जितेंद्र पांडे की किसी भी शिकायत को उच्च अधिकारी एक कान से सुनते हैं दूसरे कान से निकाल देते हैं फिलहाल इस क्षेत्र से जुड़े जानकारों का कहना है कि जितेंद्र पांडे मैनेजमेंट में इतने कमल की गणित लगते हैं कि इसे हर अधिकारी खुश रहता है और इसका मुख्य कारण यही है कि यह यहां पर जो अवैध वसूली करते हैं उसका सब को हिस्सा ईमानदारी के साथ पहुंचते हैं

खबरों को शेयर कीजिए। धन्यवाद

Leave a Comment