परासी पंचायत भवन में कुपोषित बच्चों के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित
4 गांवों के सैकड़ों बच्चों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
अनूपपुर
ग्राम पंचायत परासी में बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया गया। सरपंच श्रीमती राधा एवं समाजसेवी डॉ. पंकज सिंह श्याम के अथक प्रयासों से पंचायत भवन में मंगलवार को एक विशेष स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर का उद्देश्य बदलते मौसम में बच्चों में बढ़ती बीमारियों की रोकथाम और कुपोषण की पहचान करना रहा। उल्लेखनीय है कि यह शिविर केवल परासी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि लतार, पडोर और छोहरी जैसे आसपास के गांवों के बच्चों ने भी इसमें भाग लिया।
मुख्य चिकित्सा पर्यवेक्षण में हुआ आयोजन
इस आयोजन की देखरेख चीफ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. धनीराम सिंह श्याम ने की, जबकि नेतृत्व किया मेडिकल ऑफिसर परासी डॉ. मुकेश रवि ने।
स्वास्थ्य विभाग और समुदाय का सामूहिक प्रयास
शिविर को सफल बनाने में कई स्वास्थ्य कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
स्वास्थ्य विभाग से उपस्थित रहे: नेहा मिश्रा (BPM) ,अनीता पटेल (आशा, BPM) ,दाम्यन्ति सिंह (आंगनबाड़ी सुपरवाइजर) चेतन सिंह (सेक्टर सुपरवाइजर) , राकेश नापित (DEO) ,ललिता गुप्ता एवं रूक्मिणी सिंह (आशा कार्यकर्ता)
गांव की ओर से योगदान देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता एवं सहयोगी:
फूलकुमारी ,शशिप्रभा (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता) ,अजय सिंह ,वीरभान सिंह,ध्यान सिंह,राजेश कुमार रैदास,शम्भू चौधरी एवं समस्त पंचगण व पंचायत स्टाफ के समर्पित सहयोग से यह शिविर पूर्ण रूप से सफल रहा, जिसकी ग्रामवासियों और अभिभावकों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की और सभी आयोजकों का हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया।
बच्चों को मिला स्वास्थ्य लाभ
शिविर में बच्चों की शारीरिक जांच, वजन, लंबाई, हीमोग्लोबिन आदि की जांच की गई। जिन बच्चों में कमजोरी या कुपोषण के लक्षण पाए गए, उन्हें आवश्यक परामर्श और उपचार प्रदान किया गया।
समाजसेवा की मिसाल बना परासी गांव
सरपंच श्रीमती राधा ने कहा, “हमारा सपना है कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे, और ये शिविर उसी दिशा में हमारा पहला कदम है।”
वहीं समाजसेवी डॉ. पंकज सिंह श्याम ने कहा, “बच्चों का स्वास्थ्य ही भविष्य की नींव है। यह शिविर जागरूकता और सेवा का एक संगम है।”
यह आयोजन न सिर्फ परासी, बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बन गया है कि सामूहिक प्रयासों से कैसे सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।