सेमरिया से लेकर कुश्महार तक, ऐसा लगता है जैसे सड़क नहीं, पार्किंग ज़ोन बना दिया गया हो
पीपल चौराहा, रामगोपाल चौराहा, रामगढ़ तिराहा… अब ये सब “ट्रैफिक पर्यटन स्थल” घोषित हो चुके हैं।
हर घंटे यहां जाम लगता है — मतलब अगर किसी ने कहा “अभी आ रहा हूं”, तो समझ लीजिए कि वो कल तक आएगा।
लोग इतने परेशान हैं कि अब तो जाम में मिलने वाले लोग रिश्तेदार बन गए हैं —
“अरे भाई, कल भी इसी ट्रक के पीछे थे न आप?”
सुरक्षा व्यवस्था? अरे छोड़िए साहब!
यहां पुलिस तो ऐसी गायब है जैसे 4G में नेटवर्क चला जाए — नाम है, काम नहीं!
एंबुलेंस भी यहां फँस जाती है… मरीज अंदर से कहता है —
“डॉक्टर से पहले तो ट्रैफिक हटा दो भाई!
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि या तो ट्रैफिक ठीक किया जाए,
या फिर जाम को स्थानीय त्योहार घोषित कर दिया जाए — ताकि सब मिलकर सेलिब्रेट ही कर लें!


















