सोन नदी पर पुल निर्माण में भ्रष्टाचार की बाढ़ — घटिया अल्ट्राटेक सीमेंट, बाल मजदूरी और रात में बोरियाँ जलाने का खेल
चोलना–परोड़ मार्ग पर सोन नदी पर पुल निर्माण, अनूपपुर
लोक निर्माण विभाग (सेतु परियोजना) के अंतर्गत सोन नदी पर ₹4.78 करोड़ की लागत से बन रहे पुल निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है
ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में अल्ट्राटेक कंपनी का घटिया और गुणवत्ता-विहीन सीमेंट लगाया जा रहा है इतना ही नहीं, रात के समय खाली बोरियाँ जलाकर सबूत मिटाए जाते हैं, ताकि घटिया सामग्री के उपयोग की सच्चाई सामने न आ सके।
घटिया सामग्री और बाल मजदूरी के आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण में पतली आरसीसी डालकर केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। कई बार रात में चोरी-छिपे कार्य किया जाता है ताकि निरीक्षण और गुणवत्ता परीक्षण से बचा जा सके
इसके साथ ही, बाल मजदूरी का खुलेआम उपयोग किया जा रहा है, जो न केवल श्रम कानूनों का उल्लंघन है बल्कि गंभीर अपराध भी है
शिकायत पहुँची मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक
इस पूरे मामले की शिकायत पूर्व उपसरपंच परौर उमाकांत ऊईके और समाजसेवी गुलाब रजक द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सहित कई विभागों में की गई है
हालाँकि अब तक न तो कोई जांच शुरू हुई है और न ही दोषियों पर कोई कार्रवाई हुई है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है
पुल का महत्व और जिम्मेदार विभाग
यह पुल गौरेला–पेंड्रा मार्ग पर सोन नदी पर बनाया जा रहा है, जो आसपास के कई गाँवों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है
निर्माण कार्य का अनुबंध एम. क्लासिक इन्फ्रास्ट्रक्चर सेवा (ज.प्र.) को दिया गया है, जिसकी निगरानी लोक निर्माण विभाग, सेतु परियोजना शिवा द्वारा की जा रही है
लगभग ₹4.78 करोड़ की लागत से बन रहे इस पुल की कार्यावधि 24 माह थी, परंतु समय सीमा बीत जाने के बाद भी कार्य अधूरा पड़ा हुआ है
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि इस पुल निर्माण की स्वतंत्र तकनीकी जांच कराई जाए, ताकि घटिया सामग्री, भ्रष्टाचार और मिलीभगत का पूरा सच सामने आ सके


















