भावांतर योजना को लेकर किसानों का धार मंडी में विरोध
ब्यूरो रिपोर्ट शैलेंद्र जोशी
आज धार मंडी जैसे ही चालू हुई भावों को लेकर किसानों ने भावांतर योजना में विद्रोह चालू कर दिया जब सोयाबीन की कीमत दो और ₹3000 लगने लगी जिसका किसानों ने विरोध किया किसानों का कहना था ₹4000 से बोली की शुरुआत की जाए जिससे की भावांतर में उन्हें उचित मॉडल मूल्य मिल सके यदि दो या ₹3000 के मूल्य पर सोयाबीन बिकेगी तो भावांतर का हमको अंतर क्या मिल पाएगा मॉडल भाव तो बिल्कुल भी नहीं मिल पाएंगे
इसके परिणाम स्वरूप आज किसानों ने मंडी को बंद कर दिया मंडी का बहिष्कार कर यहां तक की मुख्यमंत्री मोहन यादव के पोस्टर को फाड़कर के जलाने का प्रयास भी करा और अंततः जला भी दिया किसानों ने बताया कि ₹3500 से काम की लागत में बिकने वाली सोयाबीन को भावांतर में सम्मिलित नहीं किया जा रहा है भावांतर का निर्धारण एक बीघा में तीन क्विंटल से अधिक भावांतर का लाभ किसानों को नहीं दिया जाएगा
इस संबंध में व्यापारियों का यह कहना है कि सोयाबीन जो आ रही है वह दागी तथा नमी युक्त होने के कारण अधिक भाव में उसे नहीं खरीदा जा सकता क्योंकि प्लांट से ही भाव कम है मुख्यमंत्री मोहन यादव की भावांतर योजना को किसान झुनझुना बता रहे हैं


















