शहडोल(रवि मिश्रा)लंबे इंतजार के बाद जब करोड़ों रुपए की लागत से टेटका-रीवा रोड का निर्माण कराया गया तो लोगों को उम्मीद थी की यह सड़क लोगों के लिए आरामदायक होगी। लेकिन लगभग दो माह पूर्व पूरी हुई यह नई-नवेली सड़क पहली बारिश नहीं झेल पाई और इस सड़क में दरार आ गई। मध्य प्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण (एमपीआरडीसी) द्वारा ठेका से इस सड़क का निर्माण कराया गया है। सड़क की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र सिंह पटेल ने जब एमपीआरडीसी के अधिकारियों से शिकायत की तो विभाग के अधिकारी नींद से जागे और आनन-फानन दरार में मुरम डलवा दी।
टेटका से रीवा के लिए निर्माण कराई गई इस सड़क के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण के कुछ दिनों बाद हुई बारिश का पानी ये सड़क नहीं झेल पाई और जौरा के पास इसमें बड़ा दरार आ गया। इतना ही नहीं कई जगह सड़क के किनारे मिट्टी दबती जा रही है, जिससे दुर्घटना की आशंका बलवती हो रही है। इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों का कहना है, कि पुलिया ऐसी बेतरतीब तरीके से बनाई गई है, कि इसमें जर्क लगता है और पुलिया में वाहन कूदने लग जाते हैं। ब्यौहारी के अनेकों लोगों ने बताया कि यहां जो नाली बनाई गई है वह ऊंची-नीची है, जिससे सड़क में कई जगह पानी भर रहा है। उन्होंने बताया कि बिजली ऑफिस के पहले चुंगी नाका के पास और न्यू बरौंधा तिराहा में नाली का पूरा पानी सड़क में भर रहा है। लोगों ने बताया कि खामडांड़ में नाली आधी-अधूरी छोड़ दी गई है।
इतनी सकरी की दो वाहन निकलना मुश्किल-पटेल
वार्ड क्रमांक 3 के जिला पंचायत सदस्य और जिला योजना समिति के सदस्य पुष्पेंद्र सिंह पटेल ने इस सड़क के संबंध में कहा कि सड़क में आई दरार और अन्य स्थान को देखकर ऐसा लग रह इस सड़क को जल्दी बाजी में बनाया गया है। श्री पटेल ने बताया कि बिजहा और वन विहार के आगे सहित चार-पांच पॉइंट ऐसे हैं जहां सड़क पूरी तरह से सकरी है, जिसके चलते वहां एक वाहन ही निकल सकता है। जिला पंचायत सदस्य श्री पटेल ने मांग की है, की सकरे स्थान पर सड़क को चौड़ा किया जाए, ताकि वहां से एक बार में कम से कम दो वाहन निकल सकें। श्री पटेल ने यह भी कहा कि जिस तरह से पुलिया में चिपरा लगाया गया है, उसको देखकर ऐसा लग रहा है की सड़क भ्रष्टाचार में डूबी है
भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी-कैलाश तिवारी
रीवा-शहडोल मार्ग में बड़ी-बड़ी दरारें दिखने के मामले में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश तिवारी ने कहा है कि इस प्रकार की निर्माण से स्पष्ट हो रहा है कि किस ढंग से विकास के काम किए जा रहे हैं। श्री तिवारी ने कहा कि करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाली इस रोड का यह हाल अभी से होना शुरू हो गया है तो आगे क्या होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। रोड को भले ही मेंटेनेंस कर ठीक कर दिया जाए लेकिन वह मजबूती नहीं आती है। कैलाश तिवारी ने कहा है कि घटिया निर्माण के संबंध में कोई कार्रवाई न होने के कारण निर्माण एजेंसी मिलजुल कर इस प्रकार की काम को अंजाम दे रही है। उन्होंने कहा है कि यह मामला कुछ दिनों में ठंडा हो जाएगा और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, चाहे इसमें किसी की जान जाए और चाहे दुर्घटनाएं हों।