राज्योत्सव कार्यक्रम में दुर्गा वैश्य की शानदार प्रस्तुति , प्रशासन ने किया सम्मानित
उभरती गायिका को 5000 रुपये नगद और प्रशस्ति पत्र से किया गया सम्मानित
एमसीबी। जिले के मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के प्रांगण में सोमवार को आयोजित छत्तीसगढ़ राज्योत्सव कार्यक्रम में सांस्कृतिक रंगों की बहार छा गई। इस अवसर पर क्षेत्र की प्रतिभाशाली एवं उभरती गायिका दुर्गा वैश्य ने अपनी सुमधुर प्रस्तुति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ा दी।
गीत “आवा ना आवा दाई” पर झूम उठा जनसमूह
कार्यक्रम के दौरान जब दुर्गा वैश्य ने अपने लोकप्रिय गीत “आवा ना आवा दाई” की प्रस्तुति दी तो पूरा सभागार तालियों की गूंज से भर उठा। उनकी मधुर आवाज़, भावपूर्ण प्रस्तुति और मंच पर आत्मविश्वासपूर्ण अंदाज़ ने हर किसी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में मौजूद जन समुदाय देर तक उनकी प्रस्तुति पर झूमता रहा।
प्रशासन ने किया सम्मानित
दुर्गा वैश्य की शानदार प्रस्तुति से प्रभावित होकर प्रशासन द्वारा उन्हें 5000 रुपये नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। पुरस्कार वितरण के दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और अधिकारियों ने दुर्गा वैश्य की कला की सराहना करते हुए कहा कि क्षेत्र की प्रतिभाओं को राज्योत्सव जैसे मंच पर सम्मान मिलना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन स्थानीय कलाकारों को आगे बढ़ने का अवसर देते हैं और क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त बनाते हैं।
दर्शकों ने की जबरदस्त सराहना
दुर्गा वैश्य की प्रस्तुति के बाद दर्शकों ने खड़े होकर तालियों से उनका स्वागत किया। कई लोगों ने कहा कि दुर्गा की आवाज़ में लोकसंगीत की मिठास और भावनाओं की गहराई झलकती है। कार्यक्रम के दौरान कई लोग उनके साथ गीत गुनगुनाते हुए दिखाई दिए।
दुर्गा वैश्य की संगीत यात्रा
मनेन्द्रगढ़ की रहने वाली दुर्गा वैश्य पिछले कुछ वर्षों से संगीत के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनके कई लोकगीत और भक्ति गीतों के एल्बम यूट्यूब चैनलों पर प्रसारित हो चुके हैं जिन्हें दर्शकों ने खूब पसंद किया है। उनके गीतों में छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है। दुर्गा बताती हैं कि उन्हें संगीत की प्रेरणा अपने पति रामजी वैश्य से मिली जो स्वयं संगीत के गहरे जानकार हैं।
वे ही उनके मार्गदर्शक और प्रोत्साहक रहे हैं जिनकी प्रेरणा से दुर्गा ने संगीत को अपनी पहचान बना लिया।
राज्योत्सव की झलकियाँ
राज्योत्सव कार्यक्रम में स्थानीय विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। लोकनृत्य, नाट्य मंचन और गीत-संगीत के माध्यम से कलाकारों ने छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति, परंपरा और गौरव को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष, शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षकगण, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
स्थानीय कला को मिला सम्मान
कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने कहा कि दुर्गा वैश्य जैसी प्रतिभाएँ क्षेत्र की शान हैं और इन्हें प्रोत्साहन देना समाज की जिम्मेदारी है। राज्योत्सव जैसे आयोजन स्थानीय कलाकारों को मंच देने और उनकी प्रतिभा को राज्य स्तर तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम बन रहे हैं।


















