जंगलों में पेड़ों की कमी के चलते नगर के रिहायशी इलाको में आई नुकीले कांटों वाली ‘सीडी’
अंधाधुंध हो रही खेर की कटाई
आगर मालवा-इस समय जिले में जंगल और पेड़ों कमी दिन पर दिन कम होती जा रही है और पर्यावरण संतुलन पर गहरा असर डाल रही है। कहीं सोलर प्लांट तो कहीं पवन चक्कियों की स्थापना के कारण वन क्षेत्र लगातार सिकुड़ते जा रहे हैं।
गोजर भूमिया भी कम हो रही है जिस कारण जंगल मे जाने वाले जानवर भेस,गोमाता बकरा बकरी के पेट भरने के लाले पड़ने लगे है और परिणामस्वरूप अब जंगली जीव अपने प्राकृतिक आवास छोड़कर शहरों की ओर रुख करने लगे हैं।
इसी का ताजा उदाहरण रविवार रात देखने को मिला, जब आगर शहर के रानी सती मार्ग स्थित कॉलोनी में ‘सीडी’ नामक जंगली जीव का जोड़ा घूमता हुआ दिखाई दिया। शरीर पर नुकीले और जहरीले कांटों वाला यह जीव रात में सक्रिय रहता है और किसी खतरे का आभास होते ही अपने कांटों को खड़ा कर लेता है, जो मनुष्य या पशु के शरीर में गहराई तक चुभ सकते हैं।
रात के सन्नाटे में इन जीवों को देखकर कॉलोनी के रहवासी दहशत में आ गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी, लेकिन देर रात तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। रहवासियों का कहना है कि जंगलों से खेर व अन्य पेड़ो की कटाई और लगातार घटते हरियाली क्षेत्र के कारण अब जंगली जीव शहरों में भटकते दिखाई देने लगे हैं, जो भविष्य में बड़ा खतरा बन सकता है।
क्या है सीडी?
सीडी (Porcupine) एक निशाचर और शाकाहारी जंगली जीव है, जो प्रायः जंगलों, झाड़ियों और पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। यह पौधों की जड़ें, फल और पेड़ों की छाल खाकर जीवित रहता है। जब इसका प्राकृतिक निवास क्षेत्र समाप्त हो जाता है, तो यह भोजन और ठिकाने की तलाश में गांवों या शहरों की ओर चला आता है।
बचाव के उपाय
ऐसे जीव दिखाई देने पर तुरंत वन विभाग या 112 आपात सेवा को सूचना दें।
स्वयं पकड़ने या भगाने का प्रयास न करें।
बच्चों और पालतू जानवरों को पास न जाने दें।
आसपास रोशनी बढ़ाएं और खुले में कचरा न डालें, क्योंकि यह भोजन की गंध से आकर्षित होते हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इसी तरह जंगलों का सफाया जारी रहा, तो आने वाले वर्षों में मानव-वन्यजीव संघर्ष आम हो जाएगा।


















