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आंबेडकर अस्पताल में अव्यवस्था उजागर

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आंबेडकर अस्पताल में अव्यवस्था उजागर

 

रायपुर | पत्रिका अखबार से प्राप्त जानकारी अनुसार राजधानी रायपुर स्थित पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध आंबेडकर अस्पताल में लापरवाही का एक और गंभीर मामला सामने आया है। पत्रिका अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार, एक सप्ताह पहले पद्मश्री सम्मानित वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र दुबे अपनी पत्नी के हार्ट चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे थे। जांच के दौरान डॉक्टरों ने सीटी एंजियोग्राफी की सलाह दी, जिससे हार्ट की नसों में ब्लॉकेज की स्थिति स्पष्ट होती, लेकिन अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग की सीटी इंजेक्टर मशीन मार्च 2024 से ही खराब पड़ी है, जिसके चलते जांच नहीं हो सकी और उन्हें लौटना पड़ा

वीआईपी मरीज के साथ ऐसा, आम मरीजों का क्या होगा?

इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। जब एक प्रतिष्ठित डॉक्टर को समय पर इलाज नहीं मिल सका, तो आमजन की स्थिति की कल्पना सहज की जा सकती है

करोड़ों का बजट, फिर भी नहीं बदली मशीन

जानकारी के मुताबिक, यह सीटी इंजेक्टर मशीन वर्ष 2012 में 128 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन के साथ लगाई गई थी, जो कार्डियक जांच में विशेष उपयोगी है। यह मशीन ‘कंट्रास्ट केमिकल’ इंजेक्ट करने का कार्य करती है, जो हार्ट से जुड़ी जांचों के लिए आवश्यक है। लेकिन मार्च से खराब होने के बावजूद, नई मशीन की खरीद को लेकर कोई गंभीर पहल नहीं की गई है

जबकि अस्पताल के बैंक खाते में करोड़ों रुपए जमा हैं, और नई मशीन की कीमत मात्र 15 लाख रुपये है। वर्ष 2023 में प्रबंधन ने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी) के तहत कुछ कंपनियों से मशीन उपलब्ध कराने के लिए संपर्क किया था, लेकिन प्रयास सफल नहीं हो सका।

कौन है जिम्मेदार

आए दिन स्वास्थ्य विभाग की अनियमितताओं पर खबरें छपती हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी बेपरवाह नजर आते हैं। डॉ. सुरेंद्र दुबे की यह अंतिम अस्पताल यात्रा उनके द्वारा स्वास्थ्य तंत्र को आइना दिखाने का संदेश बन गई है। उन्होंने जैसे अपनी अंतिम सांसों में यह प्रश्न छोड़ गए — जब व्यवस्था पद्मश्री के साथ न्याय नहीं कर सकी, तो आम आदमी के लिए क्या उम्मीद की जाए?

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