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अमरकंटक के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग ने जगमग का आयोजन किया  संवाददाता – श्रवण उपाध्याय

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अमरकंटक के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग ने जगमग का आयोजन किया 

संवाददाता – श्रवण उपाध्याय

 

 

अमरकंटक – मां नर्मदा की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU) के समाज कार्य विभाग ने आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) के सहयोग से प्री-दिवाली कार्यक्रम – “जगमग” का आयोजन किया , जिसमें एम.एस.डब्ल्यू. (MSW) के छात्रों ने मिट्टी के दीये को रंग-बिरंगे रंगों से सजाए और उन्हें नाममात्र मूल्य पर बेचा । कार्यक्रम का आयोजन विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. कृष्णामणि भागवती के मार्गदर्शन में किया गया तथा तृतीय सेमेस्टर की छात्रा एडना , अजना और दया इस कार्यक्रम के आयोजक रहे ।

 

सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता प्रो. निति जैन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की शानदार पहल से छात्र आत्म निर्भर बन सकते है । उन्होंने इसी तरह के मॉडल पर एक स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) बनाए जाने की संभावना को भी साझा किया । विभागाध्यक्ष डॉ. दिग्विजय फुकन ने पूरे कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रेरित किया । विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. रमेश बी. एवं डॉ. धर्मेन्द्र कुमार झारिया ने कार्यक्रम की सफलता में अहम भूमिका निभाई ।

विभाग के सभी शोधार्थियों तथा एम.एस.डब्ल्यू. के सभी छात्रों ने दीया सजाने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी की । यह निधि-संग्रह (Fund Raising) पहल ‘विकास संचार’ नामक पाठ्यपत्र का एक हिस्सा है , जिसके अंतर्गत छात्र ‘वोकल फॉर लोकल’ (Vocal for Local) और आत्मनिर्भर भारत के विचार को प्रोत्साहित कर रहे हैं । यह पाठ्यक्रम ‘करके सीखना’ (Learning by Doing) के सिद्धांत पर आधारित है ।

निधि-संग्रह कार्यक्रम के पीछे का विचार सभी को अत्यंत पसंद आया और एम.एस.डब्ल्यू. के छात्रों की रचनात्मकता तथा प्रयासों की सराहना की गई । कार्यक्रम से प्राप्त राजस्व का उपयोग IGNTU के आसपास के गाँवों में सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) के प्रति जन-जागरूकता फैलाने में किया जाएगा । साथ ही छात्रों ने प्लास्टिक के उपयोग से बचने और संसाधनों के पुनः उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कागज़ के थैले भी तैयार किए ।

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