भाकपा का राज्य व्यापी प्रदर्शन: रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का निजीकरण रद्द करने की मांग
अनूपपुर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 3 अक्टूबर 2024 को अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर राज्य व्यापी प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें पार्टी ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के निजीकरण को रद्द करने और रेल यात्रियों के हितों की रक्षा करने की मांग की। प्रदर्शन का उद्देश्य मुख्य रूप से रेलवे में बढ़ते निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाना और सरकार का ध्यान रेल सेवाओं की गुणवत्ता और यात्री सुविधाओं की ओर आकर्षित करना था। भाकपा द्वारा इस प्रदर्शन में वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में रियायत देने, पैसेंजर ट्रेनों का किराया कम करने, सामान्य और स्लीपर कोच की संख्या बढ़ाने जैसी विभिन्न मांगों को लेकर भी जोर दिया गया।
प्रदर्शन के बाद पार्टी के प्रमुख नेताओं ने रेल मंत्री को संबोधित एक ज्ञापन अनूपपुर स्टेशन मास्टर श्री दीपक कुमार शर्मा को सौंपा। इस ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि केंद्र सरकार को रेल बजट को पुनः संसद में वर्ष 2024 से पहले की भांति पृथक रूप से प्रस्तुत करना चाहिए ताकि रेल यात्रियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बजट का उपयोग किया जा सके। ज्ञापन में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल किराए में पूर्व की तरह रियायतें बहाल करने की भी मांग की गई, जिसे वर्तमान में समाप्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, भाकपा ने सरकार से मांग की कि सभी ट्रेनों में सामान्य और स्लीपर कोच पर्याप्त संख्या में लगाए जाएं ताकि आम जनता, विशेषकर निम्न एवं मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यात्रा की सुविधा सुनिश्चित हो सके।
भाकपा ने पैसेंजर ट्रेनों में वर्तमान में लागू एक्सप्रेस ट्रेनों की दरों को बंद करने का भी आग्रह किया, जिससे यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। पार्टी ने मांग की कि पैसेंजर ट्रेनों का किराया तात्कालिक रूप से कम किया जाए ताकि इन ट्रेनों का लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सकें। ज्ञापन में रेलों का नियमित संचालन सुनिश्चित करने और विभिन्न स्तरों पर रेलवे के निजीकरण को तत्काल रोके जाने की बात भी कही गई, क्योंकि रेलवे का निजीकरण आम जनता के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न कर रहा है। इसके साथ ही, भाकपा ने भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का निजीकरण रद्द करने की मांग की और इसे पुनः रेलवे विभाग के अधीन लेने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रदर्शन के दौरान “रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का निजीकरण रद्द करो”, “वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में रियायत दो”, “हर रेल में सामान्य और स्लीपर कोच बढ़ाओ”, “रेल विभाग में निजीकरण बंद करो” जैसे नारे लगाए गए, जो प्रदर्शनकारियों की आवाज को और बुलंद कर रहे थे। इस प्रदर्शन को भाकपा नेता कॉमरेड जनक राठौर ने संबोधित किया और उन्होंने ज्ञापन में उल्लिखित सभी मांगों को सरकार से तुरंत पूरा करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि रेलवे आम जनता की धरोहर है और इसे निजीकरण के हवाले करने का मतलब आम आदमी के अधिकारों और सुविधाओं का हनन करना है।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाकपा के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से कॉमरेड विजेन्द्र सोनी, हीरालाल राठौर, सुरेशसिंह राठौर, जयप्रकाश राठौर, मोहनराठौर, कुसुमकली राठौर, महेन्द्र केवट, भगवतराठौर, विरेन्द्र सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, नोहरलाल, एवं आशा कोल जैसे नेता उपस्थित थे। सभी ने एकजुट होकर निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाई और रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के निजीकरण को तत्काल रद्द करने की मांग की।