कोयला उद्योग में कर्मचारियों और उनके आश्रितों के हित में निर्णय पर पुनः विचार की मांग
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अनूपपुर, 18 मार्च 2025: कोयला एवं खान मंत्री द्वारा हाल ही में जारी पत्र में यह उल्लेख किया गया कि NCWA (नेशनल कोल वर्कर्स फेडरेशन) के खंड 9, 4, और 0 के कार्यान्वयन के मामले में CIL (कोल इंडिया लिमिटेड) के शीर्ष सलाहकार समिति की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि विकलांग कर्मचारियों के आश्रितों को रोजगार प्रदान करने के लिए इन प्रावधानों को पुनः लागू करना संभव नहीं है।
इस निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस जिला संगठन मंत्री, मनोज मिश्रा ने कहा कि यह निर्णय कोयला उद्योग के कर्मचारियों और उनके आश्रितों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि 27 जून 2024 को हुई बैठक में CIL प्रबंधन और ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने सहमति से इस प्रावधान को समाप्त करने का निर्णय लिया था। मिश्रा ने बताया कि इस दौरान कोई विरोध नहीं किया गया और ना ही कर्मचारियों को इस बारे में सूचित किया गया, जिनके योगदान से ये नेता अपनी स्थिति में हैं
उन्होंने कहा, “यह निर्णय कोयला उद्योग के कर्मचारियों और उनके आश्रितों के हित के खिलाफ है, और इसमें जितनी जिम्मेदारी CIL प्रबंधन की है, उससे कहीं अधिक दोष ट्रेड यूनियनों के नेताओं का है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब ये नेता निर्णय के खिलाफ दिखावा कर रहे हैं, जबकि पहले उन्होंने चुप्पी साधी थी
मनोज मिश्रा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस निर्णय पर पुनः विचार किया जाए और कोयला उद्योग के श्रमिकों और उनके आश्रितों के हित में प्रावधान को यथावत रखा जाए
कोयला उद्योग के कर्मचारियों और उनके परिवारों को राहत देने के लिए यह मामला आगे बढ़ने की संभावना पर सवाल उठने लगे हैं।