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दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का पर्व आकर्षक वेशभूषा में बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति

दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का पर्व

आकर्षक वेशभूषा में बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति

एमसीबी। मनेन्द्रगढ़ शहर के मानक शिक्षा केंद्र दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में धूमधाम से माता सरस्वती के अवतरण दिवस बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय में विशेष प्रातः सभा का आयोजन किया गया जिसमें प्री प्राइमरी के नौनिहालों सहित कक्षा बारहवीं तक के छात्र छात्राओं ने भाग लिया।
सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ गायत्री मंत्र और विद्यालय गीत से हुआ। इसके बाद कक्षा चौथी की छात्राओं ने माता सरस्वती की स्तुति स्वरुप आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया। कक्षा सातवीं की छात्राओं ने सुमधुर वाद्ययंत्रों सहित सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। विद्यालय की कक्षा सातवीं की छात्रा शांभवी ने बसंत पंचमी के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवान बह्मा ने जब देखा की सृष्टि में मनुष्य तो हैं मगर उनका जीवन नीरस और मौन है तब भगवान ब्रह्मा ने अपने कमंडल से जल छिड़का और एक अद्भुत शक्ति प्रकट हुई। वह शक्ति देवी सरस्वती के रूप में अवतरित हुई जो हाथों में वीणा पुस्तक और माला लिए थीं। देवी सरस्वती ने वीणा के तार छेड़े जिसे सृष्टि में मधुर ध्वनि और जीवन का संचार हुआ। तभी से देवी श्री सरस्वती को ज्ञान संगीत और कला की देवी माना जाता है और उसी दिन से उनकी पूजा के लिए बसंत पंचमी का दिन तय किया गया।
बसंत पंचमी ना केवल ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि शिक्षा और ज्ञान ही जीवन की सच्ची धरोहर हैं। राष्ट्गान के साथ विशेष प्रातः सभा का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन कक्षा सातवीं की छात्रा अनाया सिंह और अदिति ने किया।
विशेष प्रातः सभा के बाद छात्रों को निर्देशित किया गया कि वे अपनी कक्षाओं से क्रमवार माता सरस्वती के उपासना स्थल पर पहुंचे जहां माता सरस्वती की विशेष पूजन का प्रबन्ध किया गया था। संस्था के अध्यक्ष रमेश चंद्र सिंह और श्रीमति मीरा सिंह द्वारा विधि विधान से पूजन के बाद सभी विद्यार्थियों ने हवन में भाग लिया एवं प्रसाद ग्रहण किया।
इस विशेष अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ बसंत कुमार तिवारी ने अपने संदेश में कहा कि बसंत पंचमी का पर्व हमारे जीवन में नई उमंग और ऊर्जा का संचार करता है। यह दिन हमें ना केवल मौसम के परिवर्तन का एहसास कराता है बल्कि यह हमें आंतरिक विकास और मानसिक शांति की ओर भी मार्गदर्शन प्रदान करता है। इस दिन के साथ ही धरती पर एक नए जीवन का संचार होता है। पीले रंग के फूल खिलते हैं। वातावरण में चमक होती है और यह सभी को उत्साहित करता है। इसी तरह हमें भी अपने जीवन में बदलाव और सकारात्मक लाने की आवश्यकता है। बसंत पंचमी का पर्व यह संदेश देता है कि जीवन में हर दिन को नए उत्साह और नई उम्मीद के साथ जीना चाहिए। इस विशेष दिन पर हम संकल्प लेते हैं कि हम अपनी शिक्षा, कला और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे। हमें अपने अंदर के ज्ञान को और भी विकसित करना होगा ताकि विश्व में एक सकारात्मक बदलाव ला सकें और अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हो सकें।
संस्था की निदेशिका श्रीमति पूनम सिंह ने भी विद्यालय परिवार को शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा कि हमारी संस्कृति और सभ्यता में शिक्षा को सर्वोपरि माना गया है। भारतीय समाज में गुरु शिष्य परंपरा के माध्यम से ज्ञान का प्रचार प्रसार किया जाता रहा है। बसंत पंचमी इस परंपरा को सम्मानित करने का दिन है जो हमें यह याद दिलाता है कि ज्ञान हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिला सकता है। बसंत पंचमी का पर्व ना केवल हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है बल्कि यह हमारे जीवन में बदलाव और सुधार का प्रतीक भी है। इस दिन हम ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा करते हुए अपने जीवन में नवचेतना और नवीनीकरण का संकल्प लेते हैं। आज का दिन हमारे लिए अवसर है जब हम अपने जीवन में प्रेम ज्ञान और संस्कृति को प्रमुख स्थान देंगे। हम सभी इस दिन को एक नए उद्देश्य के साथ मनाएंगे और अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए तैयार रहेंगे। यह दिन हमें आत्मविकास की प्रेरणा देता है और हमें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की दिशा दिखाता है।
संस्था के अध्यक्ष और प्रतिष्ठित अधिवक्ता रमेश चंद्र सिंह सहित गणमान्य अभिभावकों ने भी कार्यक्रम में भाग लेकर छात्र छात्राओं को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। शिक्षकों और विद्यालय परिवार के अन्य स्टॉफ द्वारा प्रसाद ग्रहण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

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