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चिपको आंदोलन के तहत प्रदर्शन कर बच्चों ने लिया वृक्षों को नहीं काटे जाने का संकल्प कोतमा के केरहाधाम में आयोजित हुआ अनुभूति कार्यक्रम

चिपको आंदोलन के तहत प्रदर्शन कर बच्चों ने लिया वृक्षों को नहीं काटे जाने का संकल्प

कोतमा के केरहाधाम में आयोजित हुआ अनुभूति कार्यक्रम


अनूपपुर/02 फरवरी/शशिधर अग्रवाल//वन मंडल अनूपपुर के कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत प्राकृतिक उद्गम क्षेत्र एवं धार्मिक स्थल केरहाधाम में मलगा विद्यालय के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस दौरान बच्चों ने बिश्नोई समाज द्वारा वृक्षों की निरंतर कटाई को देखते हुए बिरोध स्वरुप किए गए चिपको आंदोलन के माध्यम से वृक्षों को काटने में रोक लगाई रही के उदाहरण स्वरूप केरहाधाम में भी छात्र-छात्राओं ने वृक्षों में लिपटकर वृक्षो से बातचीत कर उन्हें बचाए रखने का संकल्प लिया इस दौरान वन परिक्षेत्र अधिकारी कोतमा हरीश कुमार तिवारी,अनुभूति के प्रेरक आशीष सिंह बघेल,शशिधर अग्रवाल शासकीय प्रेरक एवं कार्यवाहक वनपाल अभिलाष सोनी,वनरक्षक आशीष मिश्रा,शिवकुमार साहू,राकेश समुद्रे, सर्पप्रहरी हरिवंश प्रसाद पटेल ने वन दौरान छात्र-छात्राओं को वन वन प्राणियों एवं पर्यावरण से होने वाले लाभ के साथ विभिन्न प्रजाति के पौधों,व‌क्षों,औषधि प्रजाति के पौधों वृक्षों के साथ जनजातीय समाज के अलावा ग्रामीणों को सर्वाधिक आय देने वाले महुआ,तेंदू,बांस आदि वृक्षों के महत्व से अवगत कराया इस दौरान सबसे ज्यादा समय तक जीवित रहने एवं उपयोगी वृक्ष पीपल,बरगद,सागौन,साल सहित अन्य वृक्षों के महत्व को विस्तार पूर्वक अवगत कराया गया,दीमक का घर,वृक्षों द्वारा बनाए जाते प्रकाश संश्लेषण के तहत भोजन प्रणाली,विभिन्न प्रजाति के सांपों की पहचान उनसे बचाव सांप काटने से पीड़ित का शासकीय अस्पतालों में तत्काल उपचार कराए जाने,विभिन्न प्रजाति के शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्यप्राणियों की पहचान बताकर दिखाकर एवं बच्चों से पहचान नाटक,पदर्शन के माध्यम से भी किया/कराया गया,बच्चों को इको पर्यटन का महत्व,वन विभाग में पदस्थ विभिन्न पदों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की पहचान,उनके कर्तव्य एवं दायित्वो से अवगत कराया गया वन क्षेत्र में ध्यान कराते हुए शांत वातावरण में होने वाले आभास की अनुभूति के साथ वन सीमा की पहचान हेतु बनाए जाते मुनारा,सीमाचिन्ह के महत्व बनाए जाने का उद्देश्य बताया गया,प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से कपड़े से कपड़े का थैला बनाकर प्रेरकों एवं के साथ छात्र-छात्राओं से भी तैयार कराकर उपयोग किए जाने का आह्वान किया गया बच्चों को वनों में लगने वाली आग को बचाए जाने तथा कहीं भी आग लगने की जानकारी पर सूचना दिए जाने की बात कही गई इस दौरान हम हैं बदलाव की थीम पर स्वयं को बदलने की बात के साथ विभिन्न तरह से अनुभव प्राप्त कर अनुभूति का आनंद लिया जा सकता है का उद्देश्य बताया गया मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट होने टाइगर बाघ अंब्रेला की तरह का कहलाए जाने का मुख्य कारण बाघ के द्वारा सभी का संरक्षण किया जाना बताया गया जीवन को बचाए रखने हेतु पर्यावरण का सुरक्षित रहना,शुद्ध रहना क्यों आवश्यक है से अवगत कराया गया इस दौरान मधुमक्खियां,तितलियां का जीवन चक्र उनका महत्व की जानकारी बच्चों को दी गई कार्यक्रम दौरान चित्रकला प्रतियोगिता एवं वन वन्यप्राणियों,पर्यावरण से संबंधित प्रश्नोत्तरी दौरान बच्चों ने बढ़/चढ़कर हिस्सा लिया कार्यक्रम दौरान वन,वन्यप्राणियों,पर्यावरण,प्लास्टिक का कम उपयोग किए जाने के संबंध में सभी को शपथ दिलाई गई कार्यक्रम दौरान चित्रकला प्रतियोगिता में दीपक चौधरी ने प्रथम विकास चंद्र ने द्वितीय एवं काजल केवट ने तृतीय स्थान प्राप्त कर अतिथियों से पुरस्कार ग्रहण किया कार्यक्रम दौरान ग्राम पंचायत निमहा सरपंच श्रीमती जमुनी बाई कंवर,उपसरपंच श्रीमती श्यामबाई सिंह,वरिष्ठ नागरिक अनिल शर्मा,प्रदीप शर्मा परि,सहायक जे,डी धार्वे,तुलसीदास नापित,उपवन परि,अधिकारी मानसिंह परस्ते,वन परिक्षेत्र के वनरक्षक,सुरक्षा श्रमिक शिक्षक/शिक्षिका प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे हैं।
रिपोर्ट शशिधर अग्रवाल अनूपपुर

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