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पत्रकार को धमकी देने वाले पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष पर मामला दर्ज

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पत्रकार को धमकी देने वाले पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष पर मामला दर्ज

नगर पालिका धनपुरी के वर्दी घोटाले पर प्रकाशित खबर से नाराज़ नेता ने फोन पर दी गालियां और जान से मारने की धमकी

पुलिस ने दर्ज किया मामला, पत्रकार जगत में आक्रोश

शहडोल। नगर पालिका परिषद धनपुरी में कर्मचारियों की वर्दी आपूर्ति से जुड़ी अनियमितता पर प्रकाशित समाचार के बाद पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष एवं नगर पालिका अध्यक्ष के पति इंद्रजीत सिंह छाबड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पत्रकार को फोन पर गालियां देकर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत पर धनपुरी पुलिस ने भादंवि की धारा 294 और 506 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। छाबड़ा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व में दो बार जिला अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य होने का दावा करते हैं। नगर पालिका अध्यक्ष उनकी पत्नी श्रीमती रविंद्र कौर छाबड़ा दूसरी बार नगर पालिका धनपुरी की अध्यक्ष हैं। इस पूरे प्रकरण ने राजनीतिक और पत्रकारिता दोनों ही क्षेत्रों में हलचल मचा दी है।

पहले वर्दी बांटी, बाद में निकली निविदा

नगर पालिका धनपुरी में कर्मचारियों के लिए वर्दी आपूर्ति का मामला चर्चा में है।
सूत्रों के अनुसार, लगभग 200 कर्मचारियों को एक माह पहले ही वर्दी वितरित की जा चुकी थी, जबकि निविदा की प्रक्रिया बाद में 10 अक्टूबर 2025 को प्रारंभ की गई।
वर्दी आपूर्ति की अनुमानित राशि ₹8.72 लाख (जीएसटी सहित) थी, जिसका प्रकाशन जेम पोर्टल पर किया गया।
यह पूरा मामला इस बात की ओर संकेत करता है कि वितरण पहले ही कर दिया गया और निविदा केवल कागजी औपचारिकता के रूप में बाद में निकाली गई। नगर पालिका की इस कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

खबर से नाराज़ नेता ने दी धमकी

नगर पालिका की अनियमितता पर खबर प्रकाशित होते ही पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह छाबड़ा ने संबंधित पत्रकार को मोबाइल पर कॉल कर अपमानजनक भाषा में गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी। यह घटना 25 अक्टूबर 2025 की दोपहर लगभग 12:37 बजे की बताई जाती है।
पत्रकार ने धमकी के तुरंत बाद इसकी जानकारी अपने सहकर्मियों और पुलिस को दी। इस प्रकरण ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

धनपुरी थाने में दर्ज हुआ मामला

पत्रकार की शिकायत पर धनपुरी थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 294 और 506 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
थाना प्रभारी ने बताया कि मोबाइल रिकॉर्डिंग, कॉल डिटेल और तकनीकी साक्ष्यों को जांच में शामिल किया जा रहा है। प्राथमिक जांच में घटना सत्य पाई गई, जिसके बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई प्रारंभ की है।
पुलिस अधीक्षक शहडोल के निर्देश पर विवेचना निष्पक्ष रूप से की जा रही है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण बढ़ा मामला

आरोपी इंद्रजीत सिंह छाबड़ा का राजनीतिक प्रभाव क्षेत्र में व्यापक है।
वे भारतीय जनता पार्टी के दो बार जिला अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य होने का दावा करते हैं। नगर पालिका धनपुरी की वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती रविंद्र कौर छाबड़ा उनकी पत्नी हैं, जो दूसरी बार इस पद पर निर्वाचित हुई हैं। इस कारण यह प्रकरण अब राजनीतिक रंग ले चुका है और पार्टी स्तर पर भी असहज स्थिति बनी हुई है।
कई राजनीतिक जानकार इसे “शक्ति प्रदर्शन और दबाव की राजनीति” के रूप में देख रहे हैं।

पत्रकार सुरक्षा और प्रेस स्वतंत्रता पर उठा प्रश्न

घटना के बाद जिले के पत्रकार समुदाय में आक्रोश व्याप्त है। पत्रकारों का कहना है कि यदि कोई समाचार तथ्यपरक रूप से प्रकाशित किया जाता है और उसका जवाब धमकी या अभद्रता से दिया जाता है, तो यह लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करता है। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। राज्य स्तर पर भी मीडिया संस्थानों ने इस घटना को पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। शहडोल सहित संभागीय मुख्यालयों पर विरोध स्वरूप ज्ञापन सौंपने की तैयारी की जा रही है।

पुलिस अधीक्षक शहडोल की तत्पर कार्रवाई

इस प्रकरण में पुलिस अधीक्षक शहडोल श्री रामजी श्रीवास्तव का रवैया अत्यंत सराहनीय रहा। शिकायत मिलते ही उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया और थाना प्रभारी धनपुरी को तुरंत FIR दर्ज करने के निर्देश दिए।
एसपी की सख्ती से यह संदेश गया कि कोई भी व्यक्ति चाहे राजनीतिक रूप से कितना प्रभावशाली क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। पुलिस की इस कार्रवाई ने पत्रकारों के बीच विश्वास का माहौल बनाया है और निष्पक्षता की छवि को मजबूत किया है।

समाज और प्रशासन के लिए संदेश

यह प्रकरण केवल एक व्यक्ति या संस्था से जुड़ा नहीं है, बल्कि पूरे तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही से संबंधित है।
नगर पालिका धनपुरी में हुई अनियमितता और उसके बाद की धमकी की घटना प्रशासनिक व्यवस्था की गंभीर विफलता की ओर इशारा करती है। फिलहाल मामला जांच के अधीन है और पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है। जनता को अब इस बात का इंतज़ार है कि क्या इस मामले में राजनीतिक दबाव से परे रहकर न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा।
यह घटना पूरे प्रदेश के पत्रकारों के लिए भी एक मिसाल और चेतावनी दोनों बनकर सामने आई है।

प्रेस जगत की नज़र अगली कार्रवाई पर

पत्रकार को धमकी देने के इस प्रकरण ने प्रदेशभर में हलचल पैदा कर दी है।
पत्रकार संगठन इस बात पर नज़र रखे हुए हैं कि प्रशासन आगे क्या कदम उठाता है।
जनता और मीडिया जगत की यही अपेक्षा है कि निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को उचित दंड मिले। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में पत्रकारों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई आंच न आए। धनपुरी की यह घटना अब केवल एक थाना क्षेत्र का मामला नहीं, बल्कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता और शासन की विश्वसनीयता की कसौटी बन गई है।

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