अशोक और बद्री चला रहे अवैध कोयले का काला कारोबार
केशवाही में प्रेम और प्रभारी की जोड़ी पार करा रही काला कोयला
एस पी साहब की दो टूक, खनिज विभाग बनी अंजान
केशवाही / संभाग के हर कोने में कोल माइंस की खदानें संचालित है। लेकिन संभाग में कोल माफियाओं का बोलबाला है। ताजा मामला तो हम आपको बता दें कि कोल माफियाओं को अब किसी कोल माइंस की जरूरत नहीं है। वह स्वयं काला कारोबार कर कोलमाइंस बना देते हैं। जिले के केशवाही चौकी से महज 500 की मीटर की दूरी पर अवैध कोयले का माइंस खोल दिया गया है। शहडोल में केशवाही के मरखी माता मंदिर के समीप कठना नाला में लंबे समय से चल रही कोयले की अवैध खदान को पिछले साल नवंबर में खनिज अमले ने जेसीबी की मदद से मिट्टी डालकर बंद करा दिया। जिस समय खनिज अमला वहां कार्रवाई के लिए पहुंचा, वहां पर भारी मात्रा में अवैध रूप से खनन किया हुआ कोयला पड़ा हुआ था। उसे भी मिट्टी में दबा दिया गया। वहीं, आज इस कार्रवाई के बाद केशवाही चौकी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चौकी क्षेत्र में कोयले एवं पशु तस्करी का काला कारोबार एक लंबे अर्से से चल रहा है, लेकिन पुलिस जानकार इससे अनजान बनी हुई है
केजीएफ की तर्ज पर बड़े पैमाने पर केशवाही चौकी से 500 मीटर में मरखी माता मंदिर के पास अवैध कोयला का काला कारोबार
शहडोल में केशवाही के मरखी माता मंदिर के समीप कठना नाला में लंबे समय से चल रही कोयले की अवैध खदान को जहां से करोड़ों की कमाई की जा रही है। कमाई के फेर में खनन माफिया सुरंगे बनाकर कोयला खनन करवा रहा है। कोयला के अंधाधुंध खनन से कई इलाके ही खोखले हो चुके हैं। कारोबारियों ने ओपन कॉस्ट जैसा स्थान बना दिया है।, जहां लम्बे समय से खनन कराया जा रहा है, आश्चर्य की बात रही कि पुलिस इससे अनजान बनी रही। लगातार मिल रही शिकायतों और सूचना के बाद केशवाही चौकी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चौकी क्षेत्र में कोयले एवं पशु तस्करी का काला कारोबार एक लंबे अर्से से चल रहा है, लेकिन पुलिस जानकार इससे अनजान बनी हुई है।
जेसीबी लगाकर बड़े पैमाने पर खदान,मुहाड़े आदि का निर्माण, कौन है केशवाही का प्रेम महाराज किसका है संरक्षण
बड़े पैमाने पर अवैध कोल खनन की तैयारी म.प्र. के शहडोल जिले के अंतिम छोर केसवाही में की जा रही है जहां स्थानीय कोल माफिया पी पी महराज ने लगातार जे सी बी लगवाकर दिन के उजालों में बड़े पैमाने पर अवैध खदान का निर्माण कराया है बताया जाता है कि केसवाही से चार रुपये प्रति किलो के रेट से पीपी महराज ने अवैध कोयला की खरीदी के लिए शहडोल से लेकर रीवा, प्रयागराज तक के नामचीन माफियाओं को आमंत्रण दे दिया है हालाकि अभी तक किसी भी माफिया ने शहडोल जिले के इस अवैध खदान से कोयला खरीदने की हिम्मत नहीं जुटाई है लेकिन सूत्र बताते है कि बड़े पैमाने पर खरीदी के लिये माफिया मैनेजेमेन्ट लिंक की तलाष में है।
क्या कर रही खनिज विभाग??
आज खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि वहां अवैध रूप से खनन कर एकत्र किया गया कई टन कोयला को जब्ती न बनाकर उसके ऊपर ही मिट्टी डालकर विभाग ने अपने कर्त्तव्यों से इतिश्री कर ली। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि जब गरीब मजदूर की जान जोखिम में डालकर कोयला माफिया कोयला का खनन करवा सकते हैं तो फिर उनके लिए ज़रा सी मिट्टी में दबा लाखों का कोयला फिर से नहीं निकला जा सकता है क्या? बहरहाल, खनिज अमले ने तो खाना पूर्ति कर ली है।