भालूमाड़ा थाना क्षेत्र में पशु तस्करी का बड़ा खुलासा: ग्राम पंचायत के सरपंच भी शामिल!
हरि यादव
भालूमाड़ा थाना क्षेत्र के आसपास के गांवों से पशु तस्कर बेखौफ होकर भैंसों की कटिंग के लिए उन्हें ले जा रहे हैं। हाल ही में ग्राम कोटमी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कोतमा क्षेत्र के तस्कर ग्रामीणों से भैंसें खरीदकर उन्हें अवैध रूप से ले जाने के लिए पंचायत से प्रमाण पत्र जारी करा रहे हैं
कैसे हो रहा है यह धंधा?
तस्कर अलग-अलग गांवों से भैंसें खरीदते हैं और उन्हें एकत्रित करते हैं। इसके बाद, पंचायत से जारी प्रमाण पत्र का गलत इस्तेमाल करते हुए, रात के अंधेरे में बड़े वाहनों में भैंसों को ठूस-ठूसकर ले जाया जाता है। यह सिलसिला ग्राम पंचायत के सरपंचों की मिलीभगत से चल रहा है, जो तस्करों को प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें बचाने का काम कर रहे हैं।
धुरवासिन ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र हुआ खुलासा
इस मामले की पोल तब खुली जब धुरवासिन ग्राम पंचायत द्वारा जारी किया गया एक प्रमाण पत्र पशु तस्कर के पास से बरामद हुआ। इससे साफ होता है कि पंचायत प्रशासन भी इस अवैध कारोबार में शामिल है।
ग्रामीणों में रोष, प्रशासन की लापरवाही
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह तस्करी का धंधा लंबे समय से चल रहा है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण अपराधी बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए दोषियों को सख्त सजा दी जाए।
प्रशासन से मांग
– पशु तस्करी रोकने के लिए सख्त निगरानी की जाए।
– ग्राम पंचायतों द्वारा जारी किए जा रहे फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच हो।
– सरपंचों और तस्करों के बीच की सांठगांठ की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि जब तक बड़े स्तर पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक यह अवैध कारोबार थमने वाला नहीं है