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चैंपियन ट्रॉफी के महाकुंभ को लेकर सट्टे का बाजार गर्म, पुलिस के लिये चुनौती

चैंपियन ट्रॉफी के महाकुंभ को लेकर सट्टे का बाजार गर्म, पुलिस के लिये चुनौती

कई एतिहासिक रिकॉर्ड और कारनामों के साथ चैंपियन ट्रॉफी की शुरुवात हो चुकी है। नगर के फैंस,, क्रिकेट खिलाड़ी, संपन्न परिवारों से जुड़े युवा और ग्रामीण युवा भी दांव लगाने से नहीं चूक रहे। इस अवैध कारोवार को लोग खुले आम संचालित कर पुलिस को चुनौती दे रहे है

संतोष पाठक

नौगांव/ चैंपियन ट्रॉफी अर्थात
क्रिकेट सट्टा माफियाओं की दिवाली। जिस की शुरुवात हो चुकी है। तो वहीं सट्टा माफियाओ ने भी नौगांव थाना क्षेत्र में बिसात बिछाकर अपना कारोबार शुरू कर दिया है। जो पुलिस के लिये चुनौती साबित होगा। क्योंकि नौगांव टी आई ने अभी तक कई अपराधियों पर अंकुश लगाया और कई मामलों का खुलासा भी किया । लेकिन किक्रेट सट्टा के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने में कामयाब नहीं हुये । जबकि नगर में क्रिकेट का यह काला कारोबार सतत् चल रहा है। नतीजा लंबे समय से नौगांव सट्टा का हब बन चुके नगर में चैंपियन ट्रॉफी शुरू होते ही नगर के सट्टा माफीया सक्रीय हो गये। और पहले ही मैच पर लाखों रुपये दाव पर लगाये गये। खास बात तो यह है कि शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के युवा भी दाव लगा रहे हैं।अभी तो चैंपियन ट्रॉफी शुरू हुई है। और अभी एक डेढ़ महीने लगातार मैच होंगे ।और प्रति मैच में हर दिन लाखों रुपये का कारोबार होगा। शहर के विभिन्न इलाकों में सट्टा लगाया जा रहा है। मैच में कौन सी टीम जीतेगी ,कौन खिलाड़ी कितने रन बनायेगा, कौन कितने विकेट लेगा जैसी बातों पर सट्टा लगाया जाता है। गैरकानूनी रूप से चल रहे, सट्टा कारोबार ने कई लोगों और परिवारों को बर्बाद कर दिया है। तो कई लोग कर्ज न चुकाने के चलते शहर से भाग गये ।चिंताजनक बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों की युवा पीढ़ी भी दाव लगने लगी है।

स्लीपर सेल की तर्ज पर काम

नगर में करीब एक दर्जन सट्टा माफियाओं के गुर्गे थाना क्षेत्र में स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे है। जो लंबे समय सक्रिय है। जिन्होंने युवाओं को ऐसी लत लगायी है। कि युवा पीढ़ी जहां खोखली होती जा रही।वही अपराध की दुनिया में भी कदम रख रही है। दरअसल पहले यह कारोबार आईपीएल तक सीमित था। लेकिन ठोस कार्यवाही के अभाव में यह साल भर चलने वाली इंटरनेशनल सीरीज पर भी सट्टा खिलाया जाने लगा जो आज भी जारी है। शुरुवाती दौर में 3-4 माफिया ही इस अवैध कारोबार को संचालित करते थे ।लेकिन माफियाओं के मालामाल होते देख अन्य क्षेत्रों लोग भी इस कारोबार में कदम रखने लगे हैं। जो शहर के नामचीनी धरानो से बताये जाते है। जो आईडी बनाकर ऑनलाइन या फिर अपने सेंटर से सट्टा का कारोबार चलाते है।जिसके चलते आईपीएल हो या इंटरनेशनल मैच नगर सट्टेबाजी का बड़ा बाजार बनता जा रहा है। जो आज भी ऐप बनाकर या ऑनलाइन सट्टा अपने-अपने सेटर से चला रहे है ।वहीं पुलिस आज तक माफियाओ तक नहीं पहुंच सकी। ऐसे में पुलिस के साइबर सेल पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। चिंताजनक बात यह है कि इसमें युवा पीढ़ी तेजी से कम समय में अब अमीर बनने के लालच में फसती जा रही है

कहां कहां संचालित हो रहा है कारोबार

नगर में बीते 2-3 साल पहले किक्रेट की दुनिया के इस काले कारोबार को 3 से 4 लोग ही संचालित कर रहे थे ।लेकिन इनकी काली कमाई से बनायी गई। संपत्ति और करोड़ों की प्रॉपर्टी देखकर शहर के कुछ युवा भी इस अवैध धंधे में कदम रखने लगे इतना हि नहीं नगर के नामी गिरामी लोग भी शामिल होते गये।नतीजा आज शहर में एक दर्जन अधिक लोग अपना पुश्तैनी धंधा बंद कर काले कारोबार को चलाने लगे है। तो कुछ लोग पुलिस की नजरों से बचने दिखावे के लिये छोटा-मोटा व्यवसाय कर रहे। आखिर कौन लोग है और कहां से इस अवैध कारोबार को चला रहे इसकी पड़ताल करने पर करीब एक दर्जन ऐसे इलाके सामने पाये जहां से यह धंधा चल रहा है। और किसी को शंका न हो दुकान खोलकर छोटा-मोटा व्यवसाय कर रहे। इसी पड़ताल के दौरान एक युवक से मुलाकात हुई।जो इस धंधे में दो साल तक रहा और अर्थिक रूप से कंगाल होने के बाद इस धंधे से एक साल पहले अलविदा कह दिया। जिससे बात करने पर कई अहम जानकारी सामने आयी जिसने बताया कि इस अवैध धंधे में नगर के नामी गिरामी लोग भी शामिल है। यह कारोबार किन-किन क्षेत्रों से संचालित हो रहा । उसमें ईसानगर चौराहा, बजरिया क्षेत्र, खो -खो माता मंदिर क्षेत्र, एसडीओपी बांग्ला क्षेत्र, धौर्रा मार्ग स्थित आढत दुकान ,हल्लू (खान) कॉलोनी,गणेश मंदिर चौराहा, कोठी चौराहा साथ ही ग्राम चौबारा मेन क्षेत्र। जो पैनल ऑपरेटर बनाकर कारोबार करते है। हर पैनल ऑपरेटर के पास 40 से 50 ग्राहक होते है ।जो सट्टा लगते है। और नगर में ऐसे ही 5-6 पैनल सक्रिय है

संगठित गिरोह एक बार फिर चर्चा में

नगर में संचालित यह कारोबार संगठित अपराध की तरह भी चलाया जा रहा ।जिसमें धनाढय कारोबारियो से जुड़े लोग शामिल बताये जाते हैं ।तो कुछ कम समय में करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गये। अहम बात यह है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी की संदिग्ध दुनिया में इन आधा दर्जन नामो में तीन बड़े नाम उस समय चर्चा में आ जाते है। जब कोई क्रिकेट की सीरीज शुरू होती है। अब चैंपियन ट्रॉफी शुरू होते ही ये एक बार फिर चर्चा में आ गये हैं । जिसमें पहला नाम प्रॉपर्टी डीलर से जुड़ा बताया जाता है और दूसरा नाम टायर एजेंसी से जुड़ा बताया जा रहा और तीसरा बिलहरी से है। जो संगठित होकर पूरे नेटवर्क को अपने कुशल मैनेजमेंट के सहारे बेहद को गोपनीय ढंग से संचालित कर खुद आबाद और सट्टा खेलने वालों को बर्बाद कर रहे है

दस हजार से शुरुवात, लाखों तक बोली

जानकारी में सामने आया है। कि आई डी के माध्यम से यह बुकी शुरुआती कम से कम 10हजार की आईडी बनाते हैं। बुकियो द्वारा लगायी जाने वाली बोली नीचे तो 10हजार लेकिन ऊपर मे कितनी है। इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। आपको बता दे की बुकिंयो द्वारा जिस आईडी का उपयोग किया जाता है। साथ हि जो आई डी सटोरियों को दी जाती है। उस आईडी में जब तक बैलेंस होता है। तब तक ही यह लोग मैच पर बोली लगा सकते है। उसके बाद फिर आईडी अकाउंट में रुपये डालने होते है। यानी आईडी पर काली दुनिया का खेल संचालित होता है

नगर से दूर जमाते है ठिकाना

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुकी नगर में मौजूद अपने-अपने ठिकानो के अलावा नगर से दूर अन्य जगहो पर पहुंच कर सट्टे की काली दुनिया को संचालित करते है ।और मैच खत्म होते ही फिर नगर के लिये रवाना हो जाते है। जो बाइक और चार पहिया वाहनों से नगर से दूर अपने ठिकानो तक का सफर तय करते है

अपराधियों की नई फसल

नगर के बुद्धिजीवियों कहना है कि इस अवैध कारोबार के कुप्रभाव से घातक परिणाम निकल सकते हैं जो युवाओं को अपराध की दुनिया में धकेल रहा है ।ज्यादा की चाह में लोग कंगाली की कगार में पहुंच जाते हैं। बुद्धिजीवियों ने क्रिकेट सट्टा माफियाओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई है।उन्होंने कहा है की माफिया व उनके गुर्गे युवाओं को कम समय में लखपति बनाने का सपना दिखाकर अपने जाल में फंसा रहे है। और ग्रामीण क्षेत्रों की युवा पीढ़ी भी इस दल दल में फसती जा रही है। लोगों कहना है कि सट्टा माफिया खाकी चुनौती दे रहे हैं ।सट्टा माफियाओं से पार पाना खाकी के लिये एक चुनौती होगा

पुलिस की गिरफ्त से दूर

थाना नौगांव टी आई द्वारा लगातार क्षेत्र में कार्यवाहियां हो रही और लोग प्रवाहित है। लेकिन लंबे समय से थाना क्षेत्र में आईपीएल के साथ इंटरनेशनल 20-20 क्रिकेट मैचो पर भी सट्टा खिलाया जा रहा है। जिससे युवा पीढ़ी का भविष्य गर्ग में जा रहा है ।लेकिन अभी तक क्रिकेट सट्टा माफियाओ पर ऐसी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई जिसकी चर्चा की जा सके। यहां यह बताना जरूरी है कि थाने में तैनात कुछ पुलिस कर्मियों को जानकारी है। लेकिन स्वहित के चलते जानकारी छिपायी जा रही है ।और ये दाग अच्छे नहीं है। जबकि पुलिस कर्मियों को पुलिस की छवि बेहतर बनाना चाहिये। इसके विपरीत चंद पुलिसकर्मी खाकी को दागदार बना रहे हैं। जिनकी तुरंत सर्जरी करना चाहिये। जरूरत है सट्टा माफियाओ के विरुद्ध ठोस कार्यवाही ताकि युवाओं के भविष्य को गर्त में जाने से बचाया जा सके। अब देखना है कि अवैध कारोबार को बढ़ावा देने वालों और खिलाने वालों पर नौगांव पुलिस क्या कदम उठाती हैं।या फिर यूं ही आर्थिक अपराध अमरबेल की तरह फैलते रहेंगे

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