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धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का पर्व आदर्श पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में हुआ आयोजन

धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का पर्व

आदर्श पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में हुआ आयोजन

एमसीबी। जिले के मनेन्द्रगढ़ स्थित आदर्श पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया और विद्यादायिनी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर संस्था के संचालक रमेश सोनी ने अपने विचार रखते हुए बताया की माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा होती है। इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को समर्पित होता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। माता सरस्वती को ज्ञान संगीत कला विज्ञान और शिल्प कला की देवी माना जाता है। इस दिन को श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। बसंत पंचमी का दिन शुभ कार्यों के लिए भी उपयुक्त माना जाता है एवं नवीन कार्यों की शुरुआत के लिए भी उत्तम माना गया है।
इस अवसर पर संस्था की सह संचालक श्रीमती संजू सोनी ने बताया की मां सरस्वती का जन्म बसंत पंचमी के दिन हुआ था इसलिए हर वर्ष उनकी विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाती है। लोग इस अवसर पर विद्या, कला, संगीत और बुद्धि के वरदान के लिए मां सरस्वती की पूजा अनुष्ठान करते हैं। सरस्वती मां को ज्ञान बुद्धि विवेक कला और संगीत के जननी माना जाता है। मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि की वृद्धि होती है। विवेक जागृत होता है। इस अवसर पर शिक्षक और छात्र छात्रा दोनों ही सरस्वती पूजा में शामिल होते हैं। बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान और शिक्षा की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। मां सरस्वती से ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है और विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। देवी सरस्वती का स्वरूप अत्यंत दिव्य होता है। उनके एक हाथ में वीणा और दूसरे में पुस्तक के साथ तीसरे में माला और चौथा हाथ वरद मुद्रा में होता है। संस्था में पंडित शुभम मिश्रा के द्वारा मां सरस्वती की पूजा विधि विधान से की गई।
पंडित शुभम मिश्रा ने सभी छात्र-छात्राओं को बसंत पंचमी का महत्व समझाया तथा यह बताया कि सरस्वती माता को संगीत की देवी क्यों कहा जाता है और यदि सच्चे प्रेम भाव से स्वर की देवी सरस्वती जी की उपासना की जाए तो इनकी विशेष कृपा होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी पर ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़कर सरस्वती माता को उत्पन्न किया था। इसलिए इस तिथि पर पूजा करने सेवा करने से माता प्रसन्न होती हैं जिससे सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। बसंत पंचमी के पर्व पर संस्था में छात्र छात्राओं के बीच हर्ष का माहौल व्याप्त रहा। सभी बच्चों ने पूजा अर्चना में हिस्सा लिया और भक्ति भाव में लीन रहे।
इस अवसर पर संस्था के संचालक रमेश सोनी, सह संचालक श्रीमती संजू सोनी, शिक्षक संजय मिश्रा, सोहन यादव, शालू यादव, मनीषा सिंह, के साथ साक्षी मिश्रा, सचिन कुशवाहा, रोहन सिंह, गणेश, नैंसी विश्वकर्मा, अंजली यादव, विवेक, तन्वी, आंचल, नंदिनी आदर्श, आर्य, शिवन्या, समर्थ, आदित्य,मानसी,अल्फा, रोशनी, चांद कुमारी, राजीव, प्रेमलाल, सत्येंद्र उपस्थित रहे।

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