3 महीने के लिए हुआ बंद हुआ बांधवगढ़ का कपाट
आगामी 1 अक्टूबर से शुरू होगा नए पर्यटन सत्र कल हुई अंतिम सफारी
कृष्ण कुमार उपाध्याय मानपुर बांधवगढ़ उमरिया
बांधवगढ में वन्य प्राणियों और प्रकृति से सीधा संवाद कर बांधवगढ घूम कर वापस हो रहे अंतिम पर्यटक सुयश केसरी और तारिणी केशरी ने पार्क अधिकारियों को अनमोल पलो को साझा करते हुए कहा कि
बांधवगढ़ हमारे लिए घर जैसा है
हमें पार्क बहुत पसंद है, यहाँ के वन्यजीव और बाघ हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से खास हैं। तीन अलग-अलग बाघों को देखकर सीज़न का अंत करना एक शानदार अनुभव रहा है। जबकि दो बाघ अलग-अलग जगहों पर सो रहे थे,आखरी पल में कोई और नहीं बल्कि खुद बजरंग को हमने देखा,उसकी आंखें ऐसी दिखी,जैसे मानो हमें अलविदा कहने आया हो