50 साल के बाद अतिक्रमण मुक्त हुई भूपेंद्र क्लब की जमीन
प्रशासन ने चार जेसीबी लगाकर अतिक्रमणकारियों के कब्जे की ढहायी 23 दुकानें
मनेन्द्रगढ़। एमसीबी जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ शहर के भूपेंद्र क्लब की जमीन लगभग 50 साल बाद न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमणकारियों के कब्जे से मुक्त कराई गई है। प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार को चार जेसीबी लगाकर अतिक्रमणकारियों की 23 दुकान ढहा कर भूपेंद्र क्लब की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया है। प्रशासन की इस कार्यवाही की शहर के लोगों ने सराहना की है। अतिक्रमणकारियों ने भी प्रशासन के सख्त रुख को देखते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का सहयोग किया
मिली जानकारी के अनुसार भूपेंद्र क्लब की 26550 वर्ग फीट से भी ज्यादा जमीन पर अतिक्रमण कर अतिक्रमणकारी 40 – 50 साल से दुकानें बनाकर विभिन्न व्यवसाय कर रहे थे। कुछ अतिक्रमणकारी अपनी कब्जे की दुकान को किराए पर देकर भारी-भरकम किराया वसूल कर मालामाल हो गये। बताया जा रहा है कि शहरवासी लम्बे समय से अतिक्रमणकारियों के कब्जे से भूपेंद्र क्लब की जमीन को मुक्त कराने की मांग कर रहे थे
अतिक्रमणकारी भी भूपेंद्र क्लब की जमीन हथियाने के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी लेकिन उन्हें हाई कोर्ट में हार का मुंह देखना पड़ा और हाई कोर्ट ने प्रशासन को भूपेंद्र क्लब की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया। हाई कोर्ट के आदेश के परिपालन में एसडीएम मनेंद्रगढ़ लिंगराज सिदार के नेतृत्व में प्रशासन की टीम चार जेसीबी लेकर दल-बल के साथ भूपेंद्र क्लब की जमीन में पहुंचकर भूपेंद्र क्लब की जमीन में 26550 वर्ग फीट में बनी 24 दुकानों में से 23 दुकानों को ढहा कर जमींदोज कर दिया। एक दुकान का स्टे लगा हुआ बताया गया इस कारण उसे छोड़ दिया गया है उसे बाद में गिराया जाएगा। अतिक्रमण स्थल पर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। बेरीकेट्स लगाकर अतिक्रमण स्थल पर सुरक्षा घेरा लगाया गया था
इस अवसर पर अतिक्रमण स्थल के आसपास लोगों की काफी भीड़ जमा थी। सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा की कमान एसडीओपी ए. टोप्पो संभाले हुए थे। इस अवसर पर कोतवाली थाना प्रभारी सुनील तिवारी, झगड़ाखांड थाना प्रभारी दीपेश सैनी सहित चिरमिरी, मनेन्द्रगढ़, झगड़ाखांड, खड़गवां और पोंड़ी थाना का पर्याप्त बल उपस्थित रहा
अतिक्रमण पूरी तरह से शांति पूर्ण माहौल में हटाया गया। मनेन्द्रगढ़ के इतिहास में अतिक्रमण हटाने की इतनी बड़ी कार्यवाही पहली बार की गई है। अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी भी राजनीतिक दल का छोटा – बड़ा कोई नेता नजर नहीं आया। प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की शहर में सर्वत्र सराहना की गई है