लू से बचाव के लिए एडवायजरी जारी
अनूपपुर 19 मार्च 2025/ मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जन-समुदाय को लू (तापघात) के प्रकोप से बचने के लिए एडवायजरी जारी की गई है। भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी दृष्टीकोण के अनुसार मार्च से मई माह का तापमान औसत तापमान से अधिक होने की संभावना है। जिस कारण लू की स्थिति निर्मित हो सकती है।
मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी एडवाइजरी में जन सामान्य को लू से बचाव हेतु अपनाई जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डाला गया है। एडवाइजरी के मुताबिक़ पानी, छांछ, ओ.आर.एस. का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन करने से लू से बचा जा सकता है। इसके साथ ही धूप में निकलते समय सिर ढककर रखना चाहिए। धूप में निकलते समय कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग करना चाहिए। धूप में निकलने के पूर्व तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए और शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए।
मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार सूर्य दाह या सनबर्न होने पर प्रभावित के त्वचा पर लाल चकता, सूजन, फफोले, बुखार, सिरदर्द आदि के लक्षण प्राप्त होने पर उसे बार-बार नहलाना चाहिए। यदि फफोले निकल आएं हो तो स्टरलाइज/ड्रेसिंग करनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए। ताप के कारण शारीरिक ऐठन, पैर एवं पेट की मांसपेशियों अथवा शरीर के बाहरी भागों में तकलीफ और अत्यधिक पसीना आने पर प्रभावित को तत्काल छाँवदार स्थल पर ले जाना चाहिए।
शरीर का वह भाग जहां ऐंठन हो रही हो, उसे जोर से दबाना चाहिए और धीरे-धीरे सहलाना चाहिए। लू लगने पर प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलाया जा सकता है। इस दौरान प्रभावित को उकबाई आने पर शीतल पेय पिलाना तुरंत बंद कर देना चाहिए और उसे फ़ौरन नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाना चाहिए।
इसके अलावा अत्यधिक थकावट एवं शारीरिक खिचाव का अनुभव होने की स्थिति में प्रभावित को अत्यधिक पसीना, कमजोरी, सिरदर्द, शरीर ठंडा और पीला पड़ जाने एवं नब्ज कमजोर पड़ जाने, मूर्छित हो जाने और उल्टी जैसे लक्षण प्राप्त होने पर प्रभावित को छायादार स्थल पर लिटा कर शरीर पर ठंडे और गीले कपड़े से स्पंजिंग करना चाहिए। यदि संभव हो तो उसे वातानुकूलित कमरे में ले जाना चाहिए।
तापदाह (हीट स्ट्रोक) की स्थिति में अत्यधिक बुखार, अत्यधिक गर्म एवं सूखी त्वचा, तेज नब्ज या बेहोशी पर तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुँचाना चाहिए और प्रभावित को डॉक्टर को दिखाना चाहिए।