धार नापतौल विभाग में भ्रष्टाचार का लगा आरोप, महिला पेट्रोल पंप संचालिका की शिकायत पर लोकायुक्त ने दर्ज किया मामला
ब्यूरो रिपोर्ट शैलेंद्र जोशी
धार जिले से भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। नापतौल विभाग के लिपिक बाबूलाल गामड़ के खिलाफ लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज किया है। यह कार्रवाई एक महिला पेट्रोल पंप संचालिका की लिखित शिकायत और प्रस्तुत सबूतों के आधार पर की गई है।
शिकायतकर्ता श्रीमती कौशल चौहान, जो सरदारपुर में इंदौर–अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर पेट्रोल पंप संचालित करती हैं, ने आरोप लगाया है कि नापतौल विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 11 सितंबर को पंप के वार्षिक कैलिब्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था। इसके बाद 23 सितंबर को नापतौल विभाग के इंस्पेक्टर आनंद मोहन, लिपिक बाबूलाल गामड़ और अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे।
श्रीमती चौहान का आरोप है कि निरीक्षण के दौरान सील करने का नाटक किया गया और कोई पंचनामा भी नहीं बनाया गया। इस बीच लिपिक बाबूलाल गामड़ ने उनके पति को अलग ले जाकर 64 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की और धमकी दी कि रकम नहीं देने पर पंप सील कर दिया जाएगा। अगले दिन भी धार कार्यालय बुलाकर दबाव बनाया गया। आखिरकार महिला संचालिका ने लोकायुक्त को शिकायत दर्ज कराई। जांच में आरोप सही पाए गए और बाबूलाल गामड़ के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, धार जिले के लगभग ढाई से तीन सौ पेट्रोल पंपों से नापतौल विभाग द्वारा हर महीने कथित तौर पर चार हजार रुपए की उगाही की जाती है। बताया जा रहा है कि विभाग में लंबे समय से कुछ ही लोगों का दबदबा बना हुआ है। आनंद मोहन, जगदीश राठौर और बाबूलाल गामड़ पिछले दो से तीन दशकों से विभाग में प्रमुख पदों पर रहकर पूरे सिस्टम को नियंत्रित कर रहे हैं।
इस मामले ने एक बार फिर नापतौल विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला संचालिका का कहना है कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बातें करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार और दबाव के चलते उन्हें परेशान किया जा रहा है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि लोकायुक्त द्वारा दर्ज मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या लंबे समय से विभाग पर हावी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाते हैं .


















