बेटियों को बचाने, लैंगिक समानता अपनाने एवं भ्रूण हत्या रोकने को लेकर शहडोल जिले में चलाया जा रहा है विशेष अभियान
बाल विवाह कानूनन अपराध है इस विषय पर लोगों को किया जा रहा जागरूक
शहडोल। कल्याणी वेलफेयर सोसाइटी शहडोल द्वारा शहडोल जिले के विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटक कर बेटियों को बचाने, लड़के और लड़कियों में समानता लाने एवं नारी शिक्षा आदि के बारे में रोचक तरीके से जानकारी दी गई।
जिला महिला बाल विकास अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि विद्यार्थी, सोशल मीडिया का उपयोग रचनात्मक गतिविधियों के लिए ही करें, अनावश्यक उपयोग से बचें
सुरक्षित बालिका सशक्त समाज के तहत शहडोल जिले के कई विद्यालयों में विविध कार्यक्रम सम्पन्न कराए गए
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खामीडोल, जनपद बुरहार में सुरक्षित बालिका सशक्त समाज कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए परियोजना अधिकारी बीके पांडे महिला एवं बाल विकास विभाग जनपद बुरहार ने कहा कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण का प्रावधान एक्ट में किया गया है।
पाक्सो एक्ट संरक्षण अधिनियम 2012 में 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को यौन शोषण, उत्पीड़न से बचाने के लिए विशेष कानून है। इस कानून के तहत् बच्चों को सुरक्षा देने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बाल विवाह कराना कानूनी अपराध है, बाल विवाह की रोकथाम के लिए स्वयं जागरूक होना होगा एवं दूसरो लोगो को भी जागरूक करना होगा। उन्होंने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे दी जाने वाली समस्त सेवाएं आश्रय, चिकित्सा, परामर्श, पुलिस सहायता व कानूनी सहायता दी जाती है। जिसके संबंध में उन्होंने विस्तार से जानकारी दी।
बाल कल्याण बोर्ड शहडोल की अध्यक्ष श्री मती कल्याणी बाजपेई द्वारा साइबर अपराधों तथा इनसे निपटने के संबंध में जानकारियां दी गई। उन्होंने बताया कि आज के सोशल मीडिया के दौर में अनेकों प्रकार की अप्रिय घटनाएं होती हैं। कम्यूटर इंटरनेट या नेटवर्क के माध्यम से किए जाने वाले अपराध साइबर अपराध कहलाते हैं। इसमें हैकिंग, फिशिंग, पहचान की चोरी या वायरस फैलाना और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे कई अपराध शामिल होते हैं इसलिए बहुत ही सावधानी पूर्वक सोशल मीडिया का उपयोग किया जाना चाहिए एवं अनावश्यक उपयोग से बचना चाहिए। सोशल मीडिया का उपयोग रचनात्मक कार्याें के लिए ही किया जाना चाहिए।
इसी तरह विचारपुर में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से डॉ० कंचन पटेल ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी जो भारत में कन्या भ्रूण हत्या और घटते लिंगानुपात को रोकने के लिए पारित किया गया है। इस ऐक्ट के माध्यम से जो भी व्यक्ति सोनोग्राफी द्वारा लिंग जांच करवाता है या कन्या भ्रूण हत्या करता है उसके लिए दण्ड का प्रावधान ऐक्ट में किया गया है।


















