अनूपपुर जबलपुर इंदौर भोपाल मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी बैकुंठपुर रायपुर

गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना हम सनातनी हिंदुओं सहित देश की आध्यात्मिकता का सम्मान: श्रीधर शर्मा

गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना हम सनातनी हिंदुओं सहित देश की आध्यात्मिकता का सम्मान: श्रीधर शर्मा

_हमारे देश के करोड़ों सनातनी हिंदुओं के द्वारा माता के रूप में पूजी जाने वाली गौमाता को पशु कहकर उद्बोधित करना हमारी मातृ आस्था का अपमान_

_17 मार्च को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अनंत विभूषित स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी की अगुवाई में दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा धरना प्रदर्शन, स्वामी जी ने सरकार के समक्ष गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का रखा था प्रस्ताव, 17 मार्च को स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने दिया था अंतिम अवसर_

अमरकंटक/ शहडोल के परमधर्म सांसद श्रीधर शर्मा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए जानकारी दी कि ज्योतिष पीठाधीश्वर अनंत विभूषित स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने मुहिम छेड़ी थी कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित किया जाना चाहिए और इसके लिए उन्होंने इस दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर अपने कदम बढ़ाते हुए निरंतर प्रयास करते रहे हैं और इस परिपेक्ष्य में सरकार को अंतिम अवसर स्वामी जी ने प्रदान किया था कि 17 मार्च तक देश में गाय को राष्ट्रमाता घोषित कर हम सनातनी हिंदुओं की आध्यात्मिकता का सम्मान करें। परम धर्म सांसद श्रीधर शर्मा ने बताया कि सनातन धर्म में वेद, उपनिषद, पुराणों सहित समस्त धर्म शास्त्रों में गाय की महिमा का जिस प्रकार से वर्णन किया गया है, वो हमारे हिंदुत्व और सनातनी हिंदुओं के लिए आस्था के अध्याय को वर्णित करने वाला है और सनातन धर्म में गाय को विशेष महत्व दिया गया है। सनातन धर्म में गाय को पशु नहीं, अपितु माता की प्रतिष्ठा दी गई है, यही सनातन धर्मी हिंदुओ की पवित्र भावना है, आस्था है। इसी धार्मिक आस्था हेतु संविधान एवं कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केंद्रीय सूची में डालकर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौहत्या मुक्त भारत बनाने के लिए संपूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन लंबे समय से चलाया जा रहा है। स्वतंत्रता प्राप्ति से ही निरन्तर गौमाता की प्रतिष्ठा एवं रक्षा के प्रयास होते रहे हैं, जिसमें 1966 के धर्म सम्राट यतिचक्रचूडामणि पूज्य करपात्री जी महाराज जी के नेतृत्व में हुआ प्रचलित गौरक्षा आंदोलन है, जिसके लिए हजारों गौभक्तों का बलिदान हुआ था। इसी क्रम में गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर गोहत्या मुक्त भारत बनाने हेतु परम गोभक्त पूज्य गोपालमणि जी ने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन का नेतृत्व कर देशभर में इसे जीवन्त रखा तथा इस पवित्र अभियान में चारो पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त किया। चारो पीठों के पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्यों द्वारा अभिसिंचित एवं समर्थित गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने एवं गौहत्या बंदी कानून हेतु देश में गौ संसद का आयोजन हुआ, जिसमें रामा गौ प्रतिष्ठा संहिता बिल सहित 42 बिंदु का धर्मादेश भी पारित किया जा चुका है। गौ प्रतिष्ठा के इस अभियान को प्रज्वलित करने हेतु गौ घृत की ज्योति को प्रकाशित कर ज्योर्तिमठ के परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज जी ने इस आंदोलन का निर्देशन कर रहे हैं, जिन्होंने 14 मार्च से लेकर 28 मार्च 2024 तक नंगे पैर पदयात्रा गोवर्धन से दिल्ली तक भी की थी। पूज्य जगद्गुरू ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी के निर्देशन में गौ प्रतिष्ठा का अभियान निरन्तर देशभर में गतिमान है, जिन्होंने इस संवत्सर को गौ संवत्सर के रूप में घोषित भी किया है।
पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी के निर्देशन एवं नेतृत्व में संपूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के अंतर्गत गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा दिनांक 22 सितंबर से 26 अक्टूबर 2024 तक की गई थी, जो भारत के समस्त प्रदेशों की राजधानियों तक की जाकर देश भर में गौभक्ति की अलख जगाई तथा वहां एक गो ध्वज की स्थापना भी की गई। गो प्रतिष्ठा आंदोलन के संयोजक पूज्य गोपाल मणि जी महाराज भी पूरे समर्पण और शक्ति के साथ यात्रा की सफलता हेतु प्राण-प्रण से शंकराचार्य जी के साथ हर कदम में साथ रहे। इस गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा का लक्ष्य संपूर्ण भारत में गो प्रतिष्ठा आंदोलन हेतु समस्त राष्ट्र के गोभक्त हिन्दुओं को जागृत कर एक सूत्र में पिरोने का है तथा गोमाता की दुर्गति, गो हत्या के कलंक को मिटाकर कर, पशु के अपमान से हटा कर राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाना है।परम धर्म सांसद श्रीधर शर्मा ने बताया कि स्वामी जी की अगुवाई में इस राष्ट्रव्यापी मुहिम में करोड़ों सनातनियों की आस्था जुड़ी हुई है और समूचे भारत वर्ष में बड़े पैमाने पर सनातन धर्म और संस्कृति के मानने वाले लोग स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी के साथ इस राष्ट्र व्यापी मुहिम में तन मन और धन से समर्पित होकर समर्थन दे रहे हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी ने अपनी गुरू परम्परा को आगे बढ़ाते हुए अपने गुरू के पद चिन्हों में चलने का जो बीड़ा उठाया है, वह सराहनीय है और सनातनियों की आस्था के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी का यह प्रयास निश्चित रूप से समूचे भारत वर्ष में गौ माता की रक्षा के निमित्त एक बड़ा प्रयास साबित होगा और गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी का यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा।

कृपया इस खबर को शेयर कीजिए ।

Leave a Comment

Live TV