- धूमेश्वर धाम पर आयोजित सर्व समाज सुधार बैठक में संत हरीगिर महाराज ने दिए समाज सुधार के अनमोल संदेश
संवाददाता भरत रावत
डबरा। धूमेश्वर धाम पर संत श्री श्री 1008 हरीगिर महाराज के नेतृत्व में एक विशाल सर्व समाज सुधार बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में गुर्जर समाज के साथ-साथ सर्व समाज के गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया। इस पावन अवसर पर संत हरीगिर महाराज ने समाज सुधार के महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने प्रेरणादायक वचन दिए, जो समाज की बेहतरी और एकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित थे।
समाज सुधार के मुद्दों पर संत हरीगिर महाराज का प्रभावशाली संदेश
संत हरीगिर महाराज ने अपने संदेश में मरणोपरांत गमी बंद, पटा बंद, दहेज न लेना, दारू बंद, विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा देना, और बच्चों को शिक्षित बनाने जैसे समाज सुधार के अनिवार्य मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि ये सभी प्रयास समाज को एक नई दिशा देने में सहायक होंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेंगे। संत हरीगिर महाराज पिछले 15 वर्षों से इन महत्वपूर्ण विषयों पर काम कर रहे हैं और समाज में जागरूकता फैलाने का अथक प्रयास कर रहे हैं।
हजारों की उपस्थिति में समाज सुधार का संकल्प
इस बैठक में उपस्थित हजारों समाजजनों ने संत हरीगिर महाराज के मार्गदर्शन में समाज सुधार के इन पहलुओं को अपनाने का संकल्प लिया। बैठक में गुर्जर समाज सहित विभिन्न समाजों के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लेकर इस आयोजन को सफल बनाया। उन्होंने संत महाराज के वचनों का समर्थन किया और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराया।
दहेज और नशे के खिलाफ कड़ा संदेश
संत हरीगिर महाराज ने विशेष रूप से दहेज और नशे के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे इन कुरीतियों से दूर रहें और अपने जीवन में सादगी और संस्कार को अपनाएं। संत जी ने कहा कि दहेज प्रथा न केवल एक सामाजिक बुराई है, बल्कि यह परिवारों के बीच की एकता को भी कमजोर करती है। उन्होंने नशे के प्रति भी समाज को जागरूक किया और इसे त्यागने की अपील की।
विधवा पुनर्विवाह और शिक्षा पर विशेष जोर
बैठक में संत हरीगिर महाराज ने विधवा पुनर्विवाह को समाज में स्थान देने और इसे सहजता से स्वीकारने पर बल दिया। उन्होंने समाज को प्रोत्साहित किया कि विधवा महिलाओं को समाज में सम्मान मिले और उनके पुनर्विवाह को सामाजिक दृष्टि से अपनाया जाए। साथ ही, संत हरीगिर महाराज ने बच्चों की शिक्षा को सर्वोपरि मानते हुए, माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं और उन्हें समाज का एक जागरूक नागरिक बनाने के लिए प्रेरित करें।
सर्व समाज के एकता का परिचय
धूमेश्वर धाम पर हुई इस ऐतिहासिक बैठक ने समाज सुधार के प्रति सर्व समाज की एकजुटता का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। उपस्थित सभी समाजजनों ने संत हरीगिर महाराज के वचनों को अपना मार्गदर्शक माना और संकल्प लिया कि वे समाज सुधार के इस कार्य में पूरी निष्ठा से सहयोग देंगे। इस अवसर पर गुर्जर समाज सहित अन्य समाजों के प्रमुखों ने भी संत हरीगिर महाराज के प्रयासों की सराहना की और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का विश्वास दिलाया।
इस महान आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज अपने सुधार के प्रति जागरूक होता है और नेतृत्व को स्वीकारता है, तो बदलाव की लहर अवश्य आती है।