बॉलीवुड की फिल्म मूत्र विसर्जन वर्जित है के नरेंद्र मोदी बने निर्माता निर्देशक।
शुक्राना मोशन पिक्चर्स ने अपनी पहली फिल्म ‘मूत्र विसर्जन वर्जित है’ के साथ उठाया एक साहसिक कदम
संवाददाता/भरत रावत
डबरा/मुंबई:- फिल्मी दुनिया में जहाँ विषयों की अक्सर पुनरावृत्ति देखी जाती है, शुक्राना मोशन पिक्चर्स ने अपनी पहली फिल्म ‘मूत्र विसर्जन वर्जित है’ के साथ एक साहसिक और अनूठा कदम उठाया है। यह फिल्म एक असामान्य, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर केंद्रित है—सार्वजनिक स्थलों पर पेशाब करने की आदत।
मध्य प्रदेश के डबरा शहर के नरेंद्र साहू और नीरज भदानी द्वारा स्थापित शुक्राना मोशन पिक्चर्स ने इस विषय को गंभीरता से उठाते हुए एक सामाजिक संदेश के साथ हास्य और ड्रामा का मिश्रण प्रस्तुत किया है। ‘मूत्र विसर्जन वर्जित है’ न केवल एक मनोरंजक फिल्म है, बल्कि यह समाज में स्वच्छता और सार्वजनिक स्थलों के सम्मान पर विचार करने की प्रेरणा भी देती है।
फिल्म के निर्देशक सुनील सुब्रमणि ने कहा, “इस अनोखे विषय पर काम करना बेहद रोमांचक है। हमारा उद्देश्य सिर्फ़ मनोरंजन करना नहीं, बल्कि दर्शकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना भी है। एक छोटी सी लापरवाही समाज पर गहरे प्रभाव डाल सकती है, और यही संदेश हम इस फिल्म के जरिए देना चाहते हैं।”
इस फिल्म में कायनात अरोड़ा, वरीना हुसैन, सत्यजीत दुबे, ज़न्नत ज़ुबैर, हितेन तेजवानी, विनय आनंद और बिजेंद्र काला जैसे शानदार कलाकार शामिल हैं। कहानी को शिवम मिश्रा ने लिखा है और एसोसिएट प्रोड्यूसर देव बब्बर तथा कास्टिंग हेड राजेश गौतम ने फिल्म के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शुक्राना मोशन पिक्चर्स ने इस फिल्म के जरिए एक बोल्ड विषय को चुना है जो स्वच्छता और समाज के प्रति जिम्मेदारी को ध्यान में रखता है। यह फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ जागरूकता फैलाने का भी वादा करती है। ‘मूत्र विसर्जन वर्जित है’ दर्शकों को हँसाने, सोचने और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को पुनः समझने का अवसर प्रदान करेगी।