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खनिज विभाग की मिली भगत-बिना अनुमति के हजारों टन कोयले का हो रहा भंडारण

News Desk
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बिना अनुमति के हजारों टन कोयले का हो रहा भंडारण

35 साल के लिए शारदा मां लॉजिस्टिक ने किया था रेलवे से अनुबंध

7 फरवरी 2023 की अनुबंध शर्तों को अभी तक नहीं किया पूरा

रेलवे की कोल साइडिंग को अवैध कोयले का भंडारण बना दिया

अनूपपुर। जिले के अंतिम छोर पर बिजूरी थाना अंतर्गत छत्तीसगढ़ के नाएला से संचालित होने वाली शारदा मां लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा कोयले के परिवहन के लिए 7 फरवरी 2023 को रेलवे के एडीआरएम से 35 वर्षों के लिए रेलवे भूमि पर रेलवे कोल साइडिंग बनाने का अनुबंध किया गया था, लगभग डेढ़ साल पहले किए गए अनुबंध की शर्तों को तो शारदा मां लॉजिस्टिक प्राइवेट कंपनी ने पूरा नहीं किया, अलबत्ता इस दौरान कंपनी के मालिक रहें मित्तल बंधु एक दूसरे को मालिकाना हक देकर खुद को किनारे करते रहे।

9.018 एकड़ भूमि रेलवे के द्वारा शारदा मां लाजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को अनुबंध के तहत निर्दिष्ट शर्तों के अनुरूप दी गई थी, नियमतः अनुबंध की शर्तें पूरी न होने पर अनुबंध खुद ब खुद शून्य हो जाना चाहिए, लेकिन रेलवे के अधिकारियों की आर्थिक लोलुपता के कारण खुलकर संरक्षण दिया जा रहा है, जिससे पूरे कायदे शून्य होते हुए नजर आ रहे हैं, एक तरफ रेलवे प्रबंधन ने शर्तें पूरी न होने के बाद भी मां शारदा लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से किया गया अनुबंध अभी तक निरस्त नहीं किया, और न हीं दूसरी तरफ द्वारा रेलवे की भूमि पर जो साइडिंग की अनुमति ली गई थी उसे कोयले के अवैध भंडारण के रूप में संचालित किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश शासन के नियमों के अनुसार किसी भी कोयले की खदान से 50 किलोमीटर के दायरे में कोयले के भंडारण की अनुमति नहीं दी जाती है, यही वजह है कि अनूपपुर जिला कलेक्टर एवम खनिज विभाग के द्वारा यहां कोयले के भंडारन की कोई अनुमति नहीं दी गई है और शारदा मां लॉजिस्टिक के द्वारा अभी तक इस तरह का कोई आवेदन भी नहीं किया गया है।

अलबत्ता शिकायतों के बाद भी खनिज विभाग की टीम ने कभी भी यहां पर कोयले के भंडारण का भौतिक सत्यापन और रखे हुए कोयले की वैधता तक का निरीक्षण नहीं किया, यह अलग बात हो सकती है कि विभिन्न शिकायतों के बाद विभाग ने कागजी कोरम पूरा कर लिया हो लेकिन विभाग के द्वारा कोई भी भंडारण की अनुमति यहां आज दिनांक तक नहीं दी गई है ।बावजूद इसके यहां साइडिंग में हजारों टन कोयला बिना वैध दस्तावेजों के छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की कई महीनो से लाकर रखा गया है।

रेलवे प्रबंधन की शर्तें नहीं की पूरी

शारदा मां लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा 7 फरवरी 2023 को रेलवे प्रबंधन से 35 साल के लिए 6 फरवरी 2058 तक का अनुबंध किया गया है, प्रतिवर्ष 13 लाख 66006 रुपए के वार्षिक किराए के रूप में दिया जाना था, 6 पन्नों के अनुबंध में सर्वप्रथम यह बिंदु स्पष्ट किया गया था कि यहां साइडिंग बिछाने के लिए कार्य किया जाएगा, लेकिन बीते डेढ़ साल के दौरान साईडिंग की रेलवे से कनेक्टिविटी आज तक नहीं बन पाई, बीबीएसबी के नाम से रेलवे की कोल सेटिंग से लगभग चार से 500 मीटर दूर मां शारदा लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड में रेलवे की भूमि पर बिना रेलवे कनेक्टिंग के बिना साइडिंग बनाए हुए ही कोल साइडिंग संचालित है जिसे रेलवे की साइडिंग का नाम दिया है, अनूपपुर जिले के प्रशासन और पुलिस को अंधेरे में रखकर उन्हें रेलवे की कोल साइडिंग बताई जा रही है जबकि हकीकत है कि रेलवे के नियमों का ही पूरा पालन नहीं किया गया, बिना रेलवे लाइन बिछाए ,रेलवे की कनेक्टिविटी के बिना यहां पर कोयला ट्रेलरों के माध्यम से लाकर रखा जाता है और फिर उसे यहां से उठाकर बीबीएसबी में भेजा जाता है।

खनिज विभाग की मिली भगत

बिजुरी में रेलवे से कोयला परिवहन करने के लिए दो साइडिंग रेल प्रबंधन द्वारा स्वीकृत की गई है इसमें पहले सेटिंग बीबीएसबी के नाम से है, जो बीते कई वर्षों से संचालित है और यह रेलवे की साइडिंग मानी जाती है, डेढ़ साल पहले 7 फरवरी 2023 को शारदा मां लॉजिस्टिक को 9.018 एकड़ के आसपास की भूमि साइडिंग बनाने के लिए आवंटित की गई थी, उसे सीधे रेलवे से कनेक्ट करना था और साइडिंग के लिए इस भू खंड को रेल लाइन से जोड़ा जाना था, लेकिन यह डेढ़ साल में भी नहीं हो सका, डेढ़ साल से शारदा मां लॉजिस्टिक रेलवे की भूमि पर अवैध कोयला भंडारण के रूप में कार्य कर रही है जो कोयला सीधे रेलवे लाइन से जुड़ी हुई साइडिंग में डंप होना चाहिए, वह रेलवे साइडिंग से चार से 500 मीटर दूर शारदा मां लॉजिस्टिक्स के साइड में गिरता है और फिर यहां से दूसरे वाहनों में लोड होकर बिना ETP और वैध दस्तावेजों के कोयला बीबीएसबी भेजा जाता है, खनिज विभाग के अलावा स्थानीय पुलिस और एसटीएफ आदि में इस संदर्भ में कभी भी कोई जांच नहीं की, शारदा मां लॉजिस्टिक से निकलकर जब कोयला रेलवे की साइडिंग में जाता है तो ना तो उसकी कोई जांच की जाती है और नहीं वहां वाहन के साथ कोई भी दस्तावेज एक स्थान से निकलकर दूसरे स्थान तक कोयला परिवहन के लिए साथ रहता है।

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