गाँधी का फेरा, शासकीय भूमि पर डेरा, पुलिस को भी लगाया चूना
उमरिया। जिले के बहुचर्चित भू-माफियाओं की सूची में सर्वाधिक चर्चित धुनधुटी और चंदिया की भूमि घोटाले में दलाल एण्ड पार्टी ने राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करवाए, जिसमें स्वयं को भूस्वामी के रूप में दर्ज कराया। जबकि हकीकत तो यह थी यह भूमि सरकारी रिकॉर्ड में शासकीय भूमि दर्ज है। इतना ही नहीं आरोपियों ने राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर गाँधी के फेरे में बिक चुकी आराजी का विधिवत सीमांकन नक्शा तर्मीम एवं नामांतरण भी अनार बाई चौधरी के नाम भू अधिकार ऋण पुस्तिका भी राजस्व अमले से मिलकर बनवा दी। इस धोखाधड़ी में भू-माफियाओं और राजस्व अधिकारियों ने महती भूमिका है। गौरतलब हो कि इन जमीन के दलालों और धोखेबाज लोगों पर आज तक पुलिस और अधिकारियों ने सबक मिल सकें कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
यहां शासकीय भूमि में लग रही सेंध…
बांधवगढ़ से सटा इलाका धुनधुटी कभी बांस का जंगल के नाम से प्रख्यात हुआ करता था इसी जंगल के चलते एशिया का बड़ा कागज़ कारखाना भी प्रसिद्ध हुआ करता था हम आपको बता दें कि बाघ यहाँ विचरण करते अक्सर देखें जातें थे, लेकिन बांधवगढ़ से सटे घुनघुटी में भू-माफियाओं का बढ़ता दखल धीरे धीरे शासकीय और फारेस्ट की भूमि को योजनाबद्ध सुनियोजित तरीके से निगलना शुरू कर दिया है इस तरह वन भूमि, राजस्व रिकार्ड से ग़ुम होती जा रही है इसके कारण इस जंगल में आबादी का बढ़ता दबाव राष्ट्रीय वन्य प्राणी और इंसानी जान के बीच हुए संघर्ष की घटनाक्रम भी आए दिनों सुनने में आती है, संबंधित विभागीय अमला जाने इस संवेदनशील मामले को नज़र अंदाज़ कर रह है, सूत्रों के हवाले से खबर है की आदतन आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों का जब से घुनघुटी में दखल शुरू हुआ है यहां की बेशकीमती प्राइम लोकेशन की जी-वन, वन भूमि एवं शासकीय नदी नाला दर्ज भूमि को भू-माफिया के निगलने का सिलसिला जारी है, गौरतलब हो कि यहां मुट्ठी भर जो बाहरी जिले से है इन लोगो का हर प्राइम लोकेशन में कब्ज़ा है अथवा निचले स्तर के राजस्व अफसरों से सांठ-गांठ कर फर्ज़ी दस्तावेज निर्मित कर चोर से साहूकार बने बैठे है, जिन भूमि पर पंजीकृत भूस्वामी है उसका निर्धारित रकबा कही बढाकर रखा हुआ है। अगर सूत्रों की मानें तो इन्होंने इलाके की शत-प्रतिशत सरकारी भूमि में कब्ज़ा किया हुआ है, जिसमे खसरा नंबर 6, 7, 9, 23, 26, 577, 344, 345/701, 367, 350, 499, 502, 508, 509 शासकीय 584, 571, 572, 568, 569, 583 इत्यादि भूमि में विसंगतियों की खबर है खबर यह भी है की दस्तावेजी गड़बड़ियों से लेकर भूमि के रकबा में भी बड़ा हेरफेर किया गया है जिले के सुधि जनो ने संवेदनशील कलेक्टर उमरिया एवं निष्पक्ष कमिश्नर शहडोल से वन एवं राजस्व की भूमि पर सेंध लगाने वाले भू-माफिया के निर्मित रिकॉर्ड को विधिवत खंगालने की आवश्यकता है, उक्त खसरा नम्बर में काबिज लोगो के पास यह भूमि कैसे इनके नाम अंतरित हो गई की जाँच आवश्यक है यह भी एक बड़े राजस्व के निचले अफसर की मिलीभगत भूमाफिया का सिंडिकेट मजबूत करने में भूमिका निभा रही है शासकीय भूमि समेत वन भूमि में भी लोगो ने अधिपत्य जमा कर रखा हुआ है जिसकी विधिवत कलेक्टर उमरिया को करनी चाहिए वरना भूमाफिया का दिनों दिन बढ़ता दायरा बेसकीमती शासकीय भूमि हड़प लेगा।
पुलिस को बेच दी फर्ज़ी भूमि….
हम आपको बता दें कि धुनधुटी का शांत वातावरण निश्चित तौर पर लोगों को आकर्षित करता है ठीक ऐसा ही आकर्षक छत्तीसगढ़ में पदस्थ पुलिस जवान को भी हुआ लेकिन इस जवान को अभिषेक नामक भू-माफिया ने फर्ज़ी दस्तावेजो के आधार पर ठीक स्टेट हाइवे से लगी भूमि दिखाकर बेची, इसमें एक बड़ा पेंच भी बेपर्दा हुआ एक शासकीय अफसर जो देशभक्ति जनसेवा का दंभ भरने का दावा करता है उसने पहले ही सरकार को चूना लगाने भू-माफिया संग खेल खेला जिसमें विधिवत दस्तावेजों में वर्णित भूमि का बिक्री मूल्य 24 लाख रुपए को छिपाकर महज 4 लाख दर्शाते हुए घालमेल कर दिया। अब पुलिस जवान फर्ज़ी पट्टे खसरा लेकर भूमाफिया के बसे हुए लोगों से मेल मिलाप कर जमीन और पैसा दोनों निकालने की फिराक में है। इसको कहते हैं नहले पर दहला।