जोखिम में डाल शिक्षा ले रहे हैं नौनिहाल
जिले में 319 स्कूल जर्जर हालत में[ शैलेंद्र जोशी. ]
धार जिले में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए स्कूलों के मेंटेनेंस पर खर्च किया जाता है इसके उपरांत भी जिले में अनेक जर्जर भवनों में स्कूल संचालित हो रहे हैं । जिले में 319 जर्जर स्कूल है जहां बच्चों को शिक्षा प्रदान करना जोखिम भरा है । आर्थिक बजट के अभाव में जर्जर स्कूलों का मेंटनेंस भी नहीं हो पा रहा है जबकि डॉक्टर मोहन सरकार शिक्षा स्वास्थ्य को लेकर बड़े बड़े दावे करते आ रहे हैं, बावजूद इसके कई जर्जर स्कूल में बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं ।
ऐसा ही एक मामला धार जिले के कुक्षी तहसील के अंतर्गत निसरपुर ब्लॉक के ग्राम लोहारी में प्राथमिक शाला भवन देखने को मिला जहां खतरनाक भवन में नौनिहालों को शिक्षा प्रदान की जा रही है । नन्हें बच्चों के साथ साथ स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिकाएं भी डर डर कर अपनी ड्यूटी निभा रही हैं । हालत यह है कि इस जर्जर स्कूल में कई पालक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजने से भी डर रहे हैं जिसकी वजह से स्कूल में बच्चों की संख्या भी गिनती की नजर आ रही है ।
जर्जर स्कूल भवन में जब मिडिया पहुंचा तो पाया कि स्कूल की दीवारों व छतों का प्लास्टर गिर रहा है। छतों से पानी टपक रहा है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 319 जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए शासन स्तर से राशि का आवंटन भी नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से जर्जर स्कूलों की दुर्दशा भी नहीं सुधर रही है ।
बताया जा रहा है कि जिला शिक्षा केंद्र के डीपीसी प्रदीप खरे ने जिले में ऐसे जर्जर स्कूलों के प्रभारी को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत में जर्जर स्कूलों में बच्चों को नहीं पढ़ाया जाए बल्कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए । यदि ग्रामीण क्षेत्रों में कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने की दशा में बच्चों को खुले में पढ़ाया जाए ऐसे में यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि बारिश के मौसम में कैसे खुले में स्कूल संचालित हो सकते हैं ।
बताया जा रहा है कि 1 वर्ष पूर्व जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा स्कूल भवन का निरीक्षण किया गया था लेकिन ,अब तक इस पर आर्थिक बजट के अभाव में कोई कार्य नहीं कराया गया है ।