**तो कहीं अवैध कारोबारियों पर कार्यवाही करना भारी पड़ गया क्या?**
**या फिर एस पी शुक्ला हुए किसी राजनीती का शिकार**
अनूपपुर/सभी जनमानस के मन मे एक बात पुलिस के लिए रहती है की कोई एक अधिकारी आये जो सब गलत कार्य बंद करा दे जिससे यहाँ के आसपास की गन्दगी ख़त्म हो और यहाँ सब सकून से जिए। इसके साथ एक बात और जुडी हुई है अगर पुलिस अच्छा कार्य करती है तो भी परेशानी गलत कार्य करती है तो परेशानी है ही। इसी का उदाहरण कुछ दिनों पहले अनूपपुर जिले के जैतहरी मे देखा गया जहा पुलिस की लगातार अवैध कार्यों के प्रति की गयी कार्यवाही कुछ लोगो के लिए गले की हड्डी बन गयी थी।जहा एक ओर पूरा नगर और आसपास के ग्रामीण तत्कालीन थाना प्रभारी के द्वारा की जा रही कार्यवाही की खूब सराहना कर रहे थे तो वही कुछ लोगो के गले से पानी तक नीचे नहीं उतर पा रहा था।
**मौके का लुत्फ़ उठाने का तरीका सभी जानते है**
25 जनवरी को मोहन राठौर ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली ये दुख की बात है किसी के घर से कमाने वाला अगर चला जाये तो बहुत समस्या झेलनी पडती है पुरे परिवार को। जिसको कुछ लोगो ने एक नाट्य रूपन्तरण देते हुए उसके मृत शरीर से ही राजनीती की पिसाच बिछा डाली। सीधे थाना प्रभारी एस पी शुक्ला पर प्रहार किया की उनकी प्रताड़ना से तंग होकर ये सब हुआ पर किसी ने भी यह नहीं जानने की सोची वाकई एक प्रभारी की कार्यवाही से ऐसा हो सकता है क्या? अगर ऐसा होता है तो फिर थाने क्यों बनाये गए है बंद कर दिए जाये कुछ भी हो सब गाँधी जी के बन्दर बनकर देखो और समाज मे जितनी अवैध गतिविधिया हो रही है होने दी जाये। तत्कालीन थाना प्रभारी एस पी शुक्ला ने अवैध रेत परिवहन, अवैध शराब, सट्टा और कई अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने मे कामयाबी पाई थी जो कुछ लोगो को राश नहीं आयी। जैतहरी नगर मे सोमवार को लगने वाला मुख्य बाजार जो अतिक्रमण मुक्त था आज फिर उसी चपेट मे आ गया। शराब पीकर वाहन चलाने से जो डरते थे आज फिर अपनी हरकत दोहरा रहे।
जो शराब का व्यापार बंद किये थे वापस उसी रावइये मे आ गए। अगर अवैध कार्यों पर अंकुश लगाना गलत है तो फिर सब कुछ फ्री करिये कोई रोक टोक नहीं सब खुले आम हो। पुलिस कप्तान श्री मोती उर रहमान ने भी जिले को साफ स्वच्छ और क्राइम फ्री रखना चाहा पर उनकी मंशा मे पानी फेर दिया गया।